रांची में बरसात के मौसम में सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया हुआ है. सब्जियां महंगी होने से लोगों के रसोई के बजट और खाने के स्वाद पर भी काफी असर पड़ा है. झारखंड की राजधानी रांची की सब्जी मंडी में टमाटर 80 रुपये तो फूलगोभी और बीन्स 100 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रही है. वहीं, भिंडी से लेकर तमाम दूसरी सब्जियां भी काफी महंगी हैं और हरी सब्जी बमुश्किल ही 80 या 70 रुपये किलो से कम के भाव पर मिल पाए. गाजर भी आम लोगों की पहुंच से बाहर है. वहीं, शिमला मिर्च तो आंसू निकाल रही है, उसके भाव 120 रुपए किलो हैं.
दुकानदारों का कहना है कि सुबह से वो दुकान सजाकर बैठे हैं, लेकिन ग्राहक नदारद हैं. सब्जी बेशक महंगी है, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि इसमें उनका कोई कुसूर नहीं, उन्हें भी सब्जी महंगे दाम पर मिल रही है. दुकानदारों का कहना है कि उन्हें पता चला कि किसानों को लगातार बीते 3 महीनों से हो रहे बारिश के कारण नुकसान हुआ है. लिहाजा सामान कम है और डिमांड ज्यादा है, जिसकी पूर्ति वो नहीं कर पा रहे हैं.
सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई हैं, जिसकी वजह से दाम आसमान छू रहे हैं. इधर ग्राहकों की कमी की ये भी वजह मानी जा रही है कि हरी सब्जियों की खरीदारी वो जरूरत के मुताबिक करते हैं और सप्लीमेंट्री सब्जी यानी चना, सोयाबीन वगैरह पर निर्भरता बढ़ रही है. वहीं, दुकानदारों को अगले 2 महीनों तक राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.
वहीं, देश की फुटकर मंडियों के अलावा थोक मंडियों में भी सब्जियों की कीमतें महंगी चल रही हैं. जून महीने से ही टमाटर के दामों ने तेजी पकड़ी है और अभी भी ऊंचे चल रहे हैं. दिल्ली में भी सब्जियों की बढ़ती कीमतों से लोगों का बजट हिला हुआ है. यही वजह है कि केंद्र को हस्तक्षेप करते हुए दिल्ली के लोगों को कम कीमत पर टमाटर बेचने के लिए फैसला लेना पड़ा. इसके लिए केंद्र ने नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी NCCF चुना है. NCCF दिल्ली में कुछ चुनिंदा स्थानों पर मोबाइल वैन के माध्यम से 47 रुपये से 60 रुपये प्रति किलो के भाव से टमाटर बेच रहा है.
बीते दिनों ही सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए टमाटर, आलू और प्याज की कीमतों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और जरूरत के अनुसार हस्तक्षेप भी किया जा रहा है. सरकार ने कहा है कि कीमतों को स्थिर रखने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today