Edible Oil Prices: खाद्य तेलाें पर आयात शुल्‍क बढ़ाने का नहीं पड़ा कोई असर, किसानों को नहीं पहुंचा फायदा

Edible Oil Prices: खाद्य तेलाें पर आयात शुल्‍क बढ़ाने का नहीं पड़ा कोई असर, किसानों को नहीं पहुंचा फायदा

एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि तेल (सोयाबीन और मूंगफली) की कीमतें तेल के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट के समय से भी निचले स्‍तर पर पहुंच गई हैं. अब सरकार को आयात शुल्‍क और बढ़ाने में बहुत सावधानी बरतनी होगी.

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खाद्य तेलाें पर आयात शुल्‍क बढ़ाने का नहीं पड़ा कोई असर, किसानों को नहीं पहुंचा फायदाखाद्य तेलों की कीमतों पर इंपोर्ट बढ़ाने का कोई असर नहीं. (सांकेतिक तस्‍वीर)

Edible Oil Import Duty: केंद्र सरकार ने सिंतबर 2024 में तेल के आयात पर इस मकसद से इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई थी कि इससे घरेलू उत्‍पादन की खरीद को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को त‍िलहन उपज का सही दाम मिलेगा. ल‍ेकिन, ऐसा कुछ होता नहीं दि‍ख रहा है. एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि तेल (घरेलू सोयाबीन और मूंगफली) की कीमतें तेल के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट के समय से भी निचले स्‍तर पर पहुंच गई हैं. ऐसे में किसानों को कोई खास फायदा नहीं पहुंचा, बल्कि अब सरकार को आयात शुल्‍क और बढ़ाने में बहुत सावधानी बरतनी होगी.

MSP के नीचे कीमतें जाने पर लिया था फैसला

मालूम हो कि केंद्र ने 13 सितंबर, 2024 को खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाया था. उस समय तेल की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चल रही थीं. 'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट के मुता‍बिक, कृषि बाजार यार्ड (मंडियों) में औसत कीमतों के विश्लेषण  के अनुसार, मध्य प्रदेश में सोयाबीन का भाव अक्टूबर 2024 में 4,184 रुपये प्रति क्विंटल रुपये था, जो अब लुढ़ककर 3,962 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है और महाराष्ट्र में उस समय 4,145 रुपये क्विंटल था, लेकिन अब भाव 3,944 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है. वहीं, सोयाबीन का एमएसपी 4,892 रुपये प्रति क्विंटल है.

मूंगफली का औसत भाव भी हुआ हम

वहीं, गुजरात में मूंगफली का औसत भाव अक्टूबर 2024 में 5,601 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब गिरकर 5,186 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है और उस समय मध्य प्रदेश में 4,964 रुपये प्रति क्विंटल औसत भाव से अब 4,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. बता दें कि मूंगफली का एमएसपी 6,783 रुपये प्रति क्विंटल पर सेट है. 

नेफेड ने जमकर की मूंगफली-सोयाबीन की खरीद 

मालूम हो कि ति‍लहन फसलों की कम कीमतों से किसान नाराज चल रहे थे, ऐसे में सरकार ने एजेंसि‍यों के माध्‍यम से एमएसपी पर ताबड़तोड़ उपज की खरीद की. इसके तहत अकेले नेफेड ने ही अक्‍टूबर में शुरू होने वाले मार्कटिंग सीजन के 5 महीनों में  14.72 लाख टन सोयाबीन खरीदा. इसमें सबसे ज्‍यादा खरीद महाराष्ट्र (नवंबर 2024 का चुनावी राज्‍य) में 8.37 लाख टन, मध्य प्रदेश में 3.89 लाख टन और राजस्थान में लगभग 99,000 टन सोयाबीन खरीदी गई.

13.77 लाख टन मूंगफली की खरीद हुई

वहीं, देशभर में मूंगफली की खरीद 13.77 लाख टन दर्ज की गई. इसमें सबसे ज्‍यादा खरीद वाला राज्‍य गुजरात 9.23 लाख टन पर रहा और राजस्थान 3.78 लाख टन मूंगफली खरीद के साथ दूसरे नंबर पर रहा है. यह खरीद नेफेड ने की. वहीं, केंद्र की दूसरी एजेंसी एनसीसीएफ ने भी मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तिलहन की खरीद की, लेकिन इसका डेटा उपलब्ध नहीं हैं. बता दें कि भारत ने मई 2022 में खाद्य तेलों के शुल्क मुक्त आयात की परमि‍शन दी थी. क्‍योंकि उस समय सप्‍लाई कम होने के कारण वैश्विक स्तर पर भी कीमतें बढ़ी हुई थीं. 

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