प्‍याज की गिरती कीमतों को लेकर किसानों के पक्ष में उतरे सांसद, केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिख की यह मांग

प्‍याज की गिरती कीमतों को लेकर किसानों के पक्ष में उतरे सांसद, केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिख की यह मांग

नासिक से शिवसेना यूबीटी के सांसद राजाभाऊ ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चिट्टी लिखकर प्‍याज की गिरती कीमतों को लेकर एक्‍शन लेने की मांग की है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और बिहार से ज्‍यादा आवक के कारण प्याज़ की कीमतें 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गई हैं और कीमतों में आगे भी गिरावट की उम्मीद है. 

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प्‍याज की गिरती कीमतों को लेकर किसानों के पक्ष में उतरे सांसद, केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिख की यह मांगप्याज से एक्‍सपोर्ट ड्यूटी हटाने की उठी मांग. (सांकेतिक तस्‍वीर)

देशभर में कई राज्‍यों में प्‍याज की नई आवक बढ़ने से इसकी थोक कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है. इससे किसान बहुत परेशान हैं. महाराष्‍ट्र में तो इसके कारण वि‍रोध-प्रदर्शन भी देखने को मिला. अब इस क्रम में किसानों को साथ देते हुए महाराष्‍ट्र के नासिक लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना यूबीटी के सांसद राजाभाऊ (पराग) प्रकाश वाजे ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर राहत देने की मांग की है. सांसद ने केंद्रीय मंत्री से प्‍याज से तत्‍काल 20 प्रति‍शत की एक्‍सपोर्ट ड्यूटी हटाते हुए राहत देने का आग्रह किया है.

ज्‍यादा आवक के कारण गिरी कीमतें

सांसद राजाभाऊ ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि मैं प्याज़ पर लगे 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने में आपके तत्काल हस्तक्षेप की मांग करता हूं, ताकि घरेलू कीमतों में गिरावट, बफर उत्पादन और बढ़ती वैश्विक मुकाबले से निपटा जा सके. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और बिहार से ज्‍यादा आवक के कारण प्याज़ की कीमतें 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गई हैं और कीमतों में आगे भी गिरावट की उम्मीद है. 

'चीन-पाकिस्‍तान ने व्‍यापार पर किया कब्‍जा'

राजाभाऊ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन जैसे देश 125 डॉलर प्रति टन प्याज़ सस्ता दे रहे हैं. इस वजह से इन देशों ने पूर्व एशिया और खाड़ी देशों के बाज़ारों में मजबूत पकड़ बना ली है, जहां पारंपरिक रूप से भारत निर्यात करता था. यहां तक कि बांग्लादेश ने भी भारत से आयात कम कर दिया है. दिसंबर 2024 से निर्यात शुल्क जारी रहने से भारत की स्थिति और कमज़ोर हुई है, जिसका असर किसानों और निर्यातकों पर पड़ रहा है. 

तत्‍काल एक्‍शन लेने की मांग की

सासंद ने तत्काल एक्‍शन लेने का अनुरोध करते हुए कीमतों को स्थिर करने और किसानों को मदद देने के लिए 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने और प्रतिद्वंद्वी निर्यातकों के मुकाबले भारत की वापस पुरानी स्थित में लाने की मांग की. उन्‍होंने कहा कि बंपर फ़सल और वैश्विक अवसरों के साथ, किसानों और निर्यातकों के बीच और अधिक संकट को रोकने के लिए निर्यात शुल्क हटाना ज़रूरी है. मैं इस मामले में आपसे तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं.

किसानों ने टंकी पर चढ़‍कर किया था प्रदर्शन

मालूम हो कि महाराष्‍ट्र प्‍याज का सबसे बड़ा उत्‍पादक राज्‍य है और इसमें भी नासि‍क क्षेत्र में ही सबसे ज्‍यादा प्‍याज की खेती होती है. नास‍िक में ही एशिया की सबसे बड़ी प्‍याज मंडी है, जो लासलगांव में स्थित है. इस मंडी का नाम लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी)  है.

हाल ही में यहां किसानों ने ‘शोले’ फिल्‍म की तर्ज पर नाटकीय अंदाज में टंकी पर चढ़कर प्‍याज की कम कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया था. इस घटना के बाद प्‍याज की कीमतों के मुद्दे ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. अब क्षेत्र के सांसद भी किसानों के पक्ष में उतर आए हैं.

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