कुछ दिनों में सूखी लाल मिर्च का सीजन शुरू हो जाएगा. मगर उससे पहले आंध्र प्रदेश के मिर्च किसान बेहद परेशान हैं. परेशानी का कारण है हाल के हफ्तों में बाजार में मिर्च के दाम तेजी से गिरे हैं. विजयवाड़ा में अधिकारियों ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया कि अभी बाजारों में मिर्च की कीमत 10,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है जो कि पिछले साल के मुकाबले आधे से कम है. अगर यही हालत रही तो किसान ठीक से अपनी लागत भी नहीं निकाल पाएंगे.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पिछले हफ्ते नरसराओपेट के सांसद और टीडीपी नेता लवु श्रीकृष्णादेवरायलु ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के सामने इस मामले को उठाया. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे सरकारी फंड का इस्तेमाल करते हुए कृषि मार्केटिंग विभाग को किसानों से मिर्च खरीदने का निर्देश दें. इससे मिर्च के दाम में आगामी किसी तरह की गिरावट पर रोक लगेगी.
उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर कीमतों में गिरावट नहीं रोकी गई तो किसानों को भारी नुकसान झेलना होगा. उन्होंने कहा, मिर्च की टॉप क्वालिटी जैसे ब्यादगी, तेजा और गुंटूर सनम का औसत भाव 5,000 रुपये क्विंटल तक गिर गया है. इससे किसानों को भारी नुकसान होगा क्योंकि मिर्च की खेती पर बहुत खर्च हुआ है. किसानों का कहना है कि दाम गिरने से उन्हें 60,000 रुपये प्रति एकड़ तक का नुकसान हो सकता है.
मिर्च के दाम में पिछले महीने से ही कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी और पिछले हफ्ते जब मंडी में नया स्टॉक आना शुरू हुआ तो कीमतों में भारी गिरावट देखी गई. इस साल, बड़ी संख्या में किसानों ने मिर्च की खेती को बड़े पैमाने पर चुना क्योंकि पिछले 3 से 4 सालों में स्टॉक ने किसानों को बंपर मुनाफा दिलाया है.
पिछले महीने जहां अच्छी क्वालिटी वाली सूखी मिर्च 20,000 से 25,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिकी, वहीं वैश्विक बाजारों में भारी मांग के कारण व्यापारियों ने घटिया क्वालिटी वाले स्टॉक को भी लगभग 12,000 से 15,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा.
हालांकि, कई देशों में हलचल के कारण निर्यात बाजार अचानक बदल गए और माना जाता है कि बांग्लादेश में नई राजनीतिक व्यवस्था ने खेल बिगाड़ दिया है क्योंकि वह ऑटोमेटिक रूट से आयात नहीं कर रहा है. मिर्च के एक प्रमुख निर्यातक सीएच वेंकटेश्वर राव ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा, "बांग्लादेश भारतीय लाल मिर्च के सबसे बड़े आयातकों में से एक है. श्रीलंका में भी ऐसी ही स्थिति है क्योंकि इसने भारत से आयात में कटौती की है. बड़े आयातकों से कम ऑर्डर ने खुदरा बाजारों को प्रभावित किया है."
इस मामले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों से तुरंत इस पर ध्यान देने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि मामले पर गौर किया जाए और किसानों को तत्काल राहत पहुंचाई जाए. कृषि मार्केटिंग कमिश्नर विजया सुनीता ने विजयवाड़ा में सीनियर अधिकारियों के साथ मंडियों का दौरा किया और निर्देश दिया कि आगे मिर्च का भाव न गिरे, इसके लिए फौरन उचित कदम उठाए जाएं.
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