भारत से अलग यूरोप में भी किसानों का प्रदर्शन जारी है. जर्मनी के बाद अब पोलैंड में भी किसान एक महीने की हड़ताल पर हैं. देश के राजनेता, यूरोपियन यूनियन (ईयू) के कृषि आयुक्त जानूस वोज्शिचोव्स्की के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार को शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में किसानों ने ईयू की नीतियों के प्रति अपना असंतोष व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने पोलैंड में और यूक्रेन के साथ लगी सीमा पर सड़कों को ब्लॉक कर दिया है.
पोलैंड में यह विरोध हाल ही में पोलिश ट्रक ड्राइवरों की तरफ से दो महीने की नाकेबंदी के बाद शुरू हुआ है. इसमें ईयू में दाखिल होने वाले यूक्रेनी प्रतिद्वंद्वियों पर प्रतिबंध की वकालत की गई. ट्रक ड्राइवरों ने अस्थायी रूप से मार्च तक अपनी नाकाबंदी को निलंबित कर दिया है. लेकिन पोलैंड और चार और यूरोपीय संघ देशों द्वारा शुरू किए गए अनाज आयात प्रतिबंधों पर तनाव बना हुआ है. इससे पोलैंड और यूक्रेन के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है.
असंतोष की यह लहर केवल पोलैंड तक ही सीमित नहीं है. फ्रांस, बेल्जियम, पुर्तगाल, ग्रीस, स्पेन और जर्मनी में भी किसान अपनी शिकायतें व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं. ये किसान जलवायु परिवर्तन, बढ़ती लागत और विदेशी बाजारों से अनुचित प्रतिस्पर्धा से निपटने के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक यूरोपीय संघ के उपायों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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एक समन्वित प्रयास के तहत किसानों ने पूरे पोलैंड में 250 से ज्यादा जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया. इन किसानों ने भी राजमार्गों और बॉर्डर पोस्ट्स को ब्लॉक कर दिया. इसकी वजह से ट्रैफिक पर भी असर पड़ा है.
ग्रामीणों में असंतोष का प्रतीक ट्रैक्टर का काफिला पॉज़्नान समेत प्रमुख शहरी केंद्रों पर एकत्रित हुआ. पोलिश किसानों की मांगों में मौजूदा यूरोपीय संघ के पर्यावरण नियमों को आसान बनाना और ब्लॉक के आगामी ग्रीन डील में अपेक्षित नियम शामिल हैं. उनका तर्क है कि ये नियम उनकी आजीविका पर अनुचित बोझ डालते हैं. पोलिश कृषि मंत्री, ज़ेस्लॉ सीकीर्स्की ने अनुचित प्रतिस्पर्धा और बाजार की गतिशीलता पर चिंताओं का हवाला देते हुए संभावित आयात प्रतिबंधों की चेतावनी दी.
पोलैंड के मुख्य कृषक संघ द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन, पूरे यूरोप में बढ़ते किसान असंतोष को सामने लाता है. इसकी वजह से राजस्व में गिरावट आ रही है और असंतुलन भी बढ़ रहा है. पोलिश किसान कम कमाई का कारण यूक्रेन को प्रतिद्वंदी के तौर पर देखते हैं. यहां उत्पादक कम कड़े यूरोपीय संघ के नियमों के तहत काम करते हैं.
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