PM-AASHA: किसानों को फसलों का सही दान देने के लिए केंद्र सरकार क्या कर रही? सरकार ने लोकसभा में बताया

PM-AASHA: किसानों को फसलों का सही दान देने के लिए केंद्र सरकार क्या कर रही? सरकार ने लोकसभा में बताया

PM-AASHA: केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि भारत सरकार किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) को लागू कर रही है.

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किसानों को फसलों का सही दान देने के लिए केंद्र सरकार क्या कर रही? सरकार ने लोकसभा में बतायाकिसानों को लेकर केंद्र सरकार ने लोकसभा में दी अहम जानकारी

केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि भारत सरकार किसानों को लाभकारी कीमत सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को जरूरी चीजें सस्ती दामों पर उपलब्ध कराने के लिए एकीकृत PM-AASHA (प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान) योजना को लागू कर रही है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने सदन में कहा कि मूल्य समर्थन योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण फंड (PSF) के साथ-साथ मूल्य घाटा भुगतान योजना (PDPS) और बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) इस योजना के घटक हैं.

मूल्य समर्थन योजना (PSS) का काम

PSS को संबंधित राज्य या संघ राज्य क्षेत्र सरकारों के अनुरोध पर तब संचालित किया जाता है, जब अधिसूचित दलहनों, तिलहनों और खोपरा के बाजार मूल्य, अधिकतम कटाई अवधि के दौरान अधिसूचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे आ जाते हैं. यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी.

मंत्रालय ने कहा, "इस घटक का प्राथमिक उद्देश्य एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करके किसानों को संकटकालीन बिक्री से बचाना है. पीएसएस के तहत, निर्धारित उचित औसत गुणवत्ता (FAQ) मानकों के अनुरूप पात्र चीजों की खरीद नामित किए गए केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए), यानी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड द्वारा की जाती है."

ई-समृद्धि और ई-समुक्ति पोर्टल के फायदे

मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत पारदर्शिता, दक्षता और संचालन में आसानी सुनिश्चित करने के लिए, नेफेड और एनसीसीएफ ने क्रमशः ई-समृद्धि और ई-समुक्ति नामक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं. ये पोर्टल किसान पंजीकरण से लेकर अंतिम भुगतान तक, पूरी खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हैं, जिससे मैन्युअल हस्तक्षेप कम होता है.

किसान आधार संख्या, भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाता जानकारी, फसल विवरण आदि जैसे जरूरी विवरण प्रदान करके इन पोर्टलों पर खुद को पंजीकृत कर सकते हैं. पहले से पंजीकृत किसान, यदि योजना के तहत अपना स्टॉक पेश करने के इच्छुक हैं, तो वे अपने निकटतम खरीद केंद्र को चुन सकते हैं. इसके बाद, किसी विशेष तारीख पर केंद्र पर भौतिक रूप से जाने के लिए पोर्टल द्वारा समय-निर्धारण किया जाता है.

मंत्रालय ने निचले सदन को ये भी बताया कि यह प्रणाली किसानों के बैंक खातों में समय पर एमएसपी भुगतान और डारेक्ट पेमेंट सुनिश्चित करती है, जिससे देरी और बिचौलियों की समस्या खत्म हो जाती है.

(सोर्स- ANI)

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