संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के सदस्यों ने मंगलवार को चंडीगढ़ के किसान भवन में खेती-किसानी के मुद्दे पर खुली चर्चा और बहस के लिए तीन घंटे तक बीजेपी नेताओं का इंतजार किया लेकिन वह नहीं आए. एसकेएम नेताओं ने बीजेपी द्वारा किसानों की मांगों पर खुली चर्चा और बहस के लिए दिए गए चैलेंज को स्वीकार करते हुए आज भाजपा के केंद्रीय और राज्य नेताओं को बहस के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि बीजेपी नेता खुद ही चर्चा के लिए नहीं पहुंचे. उसके बाद दोनों संगठनों ने दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किसान आंदोलन की मांगों से संबंधित सभी तथ्यों सामने रखा. किसान नेताओं ने गेहूं की फसल का पूरा ब्यौरा दिया.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने बताया कि 14000 से 18000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च कर के गेहूं की सारी फसल MSP पर खरीदी जा सकती है. उन्होंने बताया कि 2022-23 में गेहूं की कुल पैदावार 1105.40 लाख मीट्रिक टन थी, एफसीआई ने 262 लाख मीट्रिक टन खरीद किया. किसान समाज ने इसमें से अपने घर- परिवार के लिए, मजदूरों और पशुओं के लिए 405.51 लाख मीट्रिक टन का इस्तेमाल किया.
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किसान नेताओं ने बताया कि एफसीआई के अलावा अन्य सरकारी एजेंसियों ने 104.41 लाख मीट्रिक टन खरीदा, इसके बाद 334.97 लाख मीट्रिक टन बाकी बचता है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इसमें से 20-25 फीसदी एमएसपी से नीचे बिकता है, जिसकी कीमत 14000 से 18000 करोड़ रुपये बनती है.
किसान नेताओं ने बताया कि AgMarkNet के अनुसार 2022-23 में 15 फसलों पर स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी न मिलने से किसानों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सरकार स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करें और इस घाटे की भरपाई हो.
आंदोलनकारी नेताओं ने बताया 22 मई को मोर्चे के 100 दिन पूरे होने पर सभी मोर्चों पर बड़ी संख्या में किसान पहुंचेंगे. किसान नेताओं ने कहा कि सोमवार को जींद जिले के खटकड़ गांव में 3 किसान साथियों की रिहाई के लिए पंचायत कर के लगभग दो घंटे तक मुख्य हाईवे को जाम किया. उसके बाद प्रशासन ने किसान नेताओं की मुलाकात जेल में अनीश खटकड़ से करवाई, वहां किसान नेताओं के निवेदन के बाद किसान नेता अनीश खटकड़ ने 35 दिन बाद आमरण अनशन समाप्त किया. इस मौके पर जगजीत सिंह डल्लेवाल, सुरजीत सिंह फूल, अभिमन्यु कोहाड़ और सरवन सिंह पंधेर आदि मौजूद रहे.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन को आज 70 दिन पूरे हो गए हैं. दूसरी ओर, गिरफ्तार किसानों की रिहाई के लिए शंभू बॉर्डर के पास रेलवे ट्रैक पर मार्च का आज 7वां दिन था.
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