World Milk Day 2025: क्यों मनाया जाता है 'वर्ल्ड मिल्क डे'? जानें इसका इतिहास, महत्व और थीम

World Milk Day 2025: क्यों मनाया जाता है 'वर्ल्ड मिल्क डे'? जानें इसका इतिहास, महत्व और थीम

World Milk Day: वर्ल्ड मिल्क डे न केवल दूध के स्वास्थ्य लाभों को समझाने का मौका है, बल्कि यह डेयरी उद्योग की सामाजिक और आर्थिक भूमिका को भी सामने लाता है. यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि एक ग्लास दूध हमारे जीवन, समाज और पर्यावरण को कितने स्तरों पर प्रभावित करता है.

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क्यों मनाया जाता है 'वर्ल्ड मिल्क डे'? जानें इसका इतिहास, महत्व और थीमWorld Milk Day

World Milk Day 2025: दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और अन्य कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी होते हैं. यही कारण है कि डॉक्टर और बड़े-बुज़ुर्ग सभी दूध पीने की सलाह देते हैं. इसी कड़ी में हर साल 1 जून को 'वर्ल्ड मिल्क डे' यानी 'विश्व दुग्ध दिवस' मनाया जाता है. इस दिन का मकसद दूध और डेयरी उद्योग के महत्व को समझाना और इसके प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है.

वर्ल्ड मिल्क डे का इतिहास

विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र की संस्था FAO (Food and Agriculture Organization) ने की थी. इसका उद्देश्य दुनिया भर में डेयरी उद्योग की भूमिका को पहचान देना और दूध के फायदों को लोगों तक पहुंचाना था. आज दुनियाभर के कई देश इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं.

वर्ल्ड मिल्क डे मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है:

  • लोगों को दूध और डेयरी उत्पादों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूक करना
  • डेयरी उद्योग के सामाजिक और आर्थिक योगदान को समझाना
  • यह बताना कि डेयरी उद्योग लाखों लोगों को रोजगार देता है
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था और किसानों को मजबूत करने में इसकी भूमिका दिखाना

FAO के अनुसार, करीब 6 अरब लोग दूध और डेयरी उत्पादों का उपयोग करते हैं, और यह उद्योग 1 अरब से अधिक लोगों को आजीविका देता है.

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वर्ल्ड मिल्क डे 2025 की थीम

हर साल विश्व दुग्ध दिवस एक खास थीम के साथ मनाया जाता है. इस थीम के जरिए दुनिया भर के लोगों को दूध और डेयरी के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है.

इस साल यानी 2025 में वर्ल्ड मिल्क डे की थीम है:
"Let's Celebrate the Power of Dairy"
(आइए डेयरी की ताकत का जश्न मनाएं)

इसका उद्देश्य है डेयरी उत्पादों के पोषण, रोजगार और पर्यावरणीय योगदान को पहचान देना और इनकी अहमियत को वैश्विक स्तर पर उजागर करना.

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भारत में कब मनाया जाता है नेशनल मिल्क डे?

भारत में हर साल 26 नवंबर को 'नेशनल मिल्क डे' यानी 'राष्ट्रीय दुग्ध दिवस' मनाया जाता है. यह दिन डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है. उन्हें ‘मिल्क मैन ऑफ इंडिया’ और 'श्वेत क्रांति' के जनक के रूप में जाना जाता है.

क्या थी श्वेत क्रांति?

श्वेत क्रांति की शुरुआत डॉ. वर्गीज कुरियन ने 1970 में की थी. इसका उद्देश्य भारत को दूध उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना था. उनकी कड़ी मेहनत और योजनाओं की वजह से भारत आज दुनिया में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला देश बन चुका है. डॉ. कुरियन 1965 से 1998 तक राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के अध्यक्ष रहे.

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