
सफेदा आम, जिसे बंगनपल्ली या बेनेशान के नाम से भी जाना जाता है, आम की एक लोकप्रिय किस्म है जिसकी उत्पत्ति भारत के आंध्र प्रदेश में हुई थी. यह अपनी मिठास और रसीले गूदे के कारण आम की सबसे पसंदीदा और मांग वाली किस्मों में से एक है. सफेदा आम का आकार नुकीले सिरे वाला थोड़ा तिरछा होता है. पकने पर इसके छिलके का रंग हरे से पीले रंग में बदल जाता है. इसका गूदा रेशे रहित होता है जिससे इसे खाना और पचाना आसान हो जाता है. स्वाद में हल्की खटास के साथ मीठी सुगंध होती है जो स्वाद को और बढ़ा देती है.
दक्षिण भारत में हर साल जून से अगस्त के बीच इस किस्म के आमों की कटाई की जाती है. दुनिया भर में निर्यात के लिए इसे आसान बनाने वाली अन्य किस्मों की तुलना में इसकी शेल्फ लाइफ अधिक है.
सफेदा आम में उच्च पोषण मूल्य भी होता है! वे विटामिन सी और ए, पोटेशियम और कॉपर के समृद्ध स्रोत हैं जो पाचन के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं. इसकी अनूठी विशेषताएं भारत के विभिन्न राज्यों और संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और सऊदी अरब आदि जैसे देशों में इस किस्म की अत्यधिक मांग करती हैं.
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सफेदा आम की एक अनूठी विशेषता उनका लम्बा आकार और नुकीले सिरे हैं. वे आम तौर पर अन्य किस्मों की तुलना में बड़े होते हैं, जिनकी लंबाई 8 इंच तक होती है. फल का छिलका हल्के हरे रंग के साथ चिकना और पीला होता है, जिससे इसे पहचानना आसान हो जाता है. सफेदा आम की एक और खासियत इसकी उपलब्धता है. इन फलों का अपेक्षाकृत कम मौसम होता है, जो आमतौर पर हर साल मई से जुलाई तक रहता है. यह इस समय अवधि के दौरान उनकी अत्यधिक मांग करता है.
सफेदा आम स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होते हैं. वे विटामिन ए और सी, पोटेशियम, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं जो पाचन में सुधार और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने जैसे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं.
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