scorecardresearch
Knowledge: किस राज्य में है सबसे अधिक कृषि विज्ञान केंद्र? देश में कुल KVK की संख्या भी जानें  

Knowledge: किस राज्य में है सबसे अधिक कृषि विज्ञान केंद्र? देश में कुल KVK की संख्या भी जानें  

केवीके यानी कृषि विज्ञान केंद्र और इनकी शुरुआत भारत के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के मकसद से हुई थी. भारत में 21 मार्च 1974 को पहले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्‍थापना पुड्डुचेरी में की गई थी.आज भारत में कुल 731 केवीके हैं और सबसे ज्‍यादा कृषि विज्ञान केंद्र उत्‍तर प्रदेश हैं. देश के सबसे बड़े राज्‍य यूपी में इस समय कुल 89 केवीके कार्यरत हैं.

advertisement
पूरे देश में इस समय 700 से ज्‍यादा केवीके हैं  पूरे देश में इस समय 700 से ज्‍यादा केवीके हैं

केवीके यानी कृषि विज्ञान केंद्र और इनकी शुरुआत भारत के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के मकसद से हुई थी. भारत में 21 मार्च 1974 को पहले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्‍थापना पुड्डुचेरी में की गई थी. तब से लेकर आज तक कई कृषि विज्ञान केंद्रों की स्‍थापना हुई है. ये केंद्र  पूरे देश में कृषि पद्धतियों में बदलने और रोज नए प्रयोग के जरिए पैदावार को बढ़ाने की दिशा में रोज काम कर रहे हैं. सन् 1976 में अनुसंधान, शिक्षा और विस्‍तार नाम से आई एक रिपोर्ट में देश के हर जिले में एक केवीके स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव दिया गया था. 

देश में कुल कितने केवीके  

आज भारत में कुल 731 केवीके हैं और सबसे ज्‍यादा कृषि विज्ञान केंद्र उत्‍तर प्रदेश हैं. देश के सबसे बड़े राज्‍य यूपी में इस समय कुल 89 केवीके कार्यरत हैं. कृषि मंत्रालय की मानें तो इस समय देश के हर जिले में कम से कम एक केवीके है. जबकि भौगोल‍िक दृष्टि से बड़े ज‍िलों में एक से ज्‍यादा कृषि विज्ञान केंद्र भी काम कर रहे हैं. 

यूपी के अलावा पंजाब, उत्‍तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख में 72, राजस्‍थान, हरियाणा, दिल्‍ली में 66, बिहार, झारखंड में 68, असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम में 47, त्रिपुरा, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय में 43, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, दमन एवं दीव, दादर एवं नागर हवेली में 82, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में 82, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी में  75 और कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप 48 केवीके काम कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें- डीएसआर तकनीक से धान की अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं किसान, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

केवीके के मुख्‍य कार्य 

इन केंद्रों पर  छोटे किसानों से जुड़ी अहम जानकारियों समेत सप्‍लाई चेन और मौसम से लेकर कई जटिल विषयों पर अध्‍ययन किया जाता है.  समय के साथ-साथ केवीके को कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, उच्च कृषि उत्पादकता हासिल करने और खेती को बाजार की कीमतों के अनुसार ढाल कर किसानों की आय बढ़ाने जैसे मसलों पर इन केंद्रों पर ध्‍यान केंद्रित किया जाता है. 

इसके अलावा मिट्टी से लेकर जलवायु और पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा कैसे की जाए ताकि किसानों को फायदा हो, यह भी एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा है जिस पर यहां पर अध्‍ययन होते हैं. इन संसाधनों के संरक्षण पर जोर देकर केवीके में टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाता है. साथ ही किसानों को नई और मॉर्डन टेक्‍नोलॉजी के बारे में भी बताने का काम यहां पर होता है.