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फल-सब्जी, दाल और दूध की कीमतें बढ़ने की आशंका, RBI के अनुमान से ऊपर जा सकती है खुदरा महंगाई दर 

फल-सब्जी, दाल और दूध की कीमतें बढ़ने की आशंका, RBI के अनुमान से ऊपर जा सकती है खुदरा महंगाई दर 

आरबीआई के पूर्वानुमान से खुदरा महंगाई दर ऊपर जाने की आशंका है. अप्रैल से जून तक अल नीनो के प्रभाव से मौसम में तल्खी रहने वाली है, जो फल, सब्जी, दाल और दूध की कीमतों में बढ़ोत्तरी का कारण बनेगी. जबकि, चना पहले से ही एमएसपी रेट से ऊपर चल रहा है.

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हीटवेव आपूर्ति पक्ष को प्रभावित करेगा, जिससे खाद्य कीमतों को लेकर चिंता बढ़ रही है. हीटवेव आपूर्ति पक्ष को प्रभावित करेगा, जिससे खाद्य कीमतों को लेकर चिंता बढ़ रही है.

मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार इस बार अप्रैल से जून के बीच भीषण लू चलने की आशंका है. अलनीनो के प्रभाव के चलते बीते वर्षों की तुलना में तापमान अधिक रहने का अनुमान है. ऐसे में फसलों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ेगा, जो खाद्य पदार्थों की कीमतों को ऊपर धकेल देगा. फल, सब्जी, दाल और दूध की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है. जबकि, चना पहले से ही एमएसपी रेट से 10 फीसदी महंगा चल रहा है. इन वजहों के चलते आरबीआई के पूर्वानुमान आंकड़ों से खुदरा महंगाई दर ऊपर जा सकती है. 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि खुदरा महंगाई दर अपने पूर्वानुमान आंकड़ों से ऊपर जा सकती है. आरबीआई ने कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के लक्ष्य तक कम करना चाहता है. लेकिन, हीटवेव आपूर्ति पक्ष को प्रभावित करेगा, जिससे खाद्य कीमतों को लेकर चिंता बढ़ रही है.कई अर्थशास्त्रियों ने पहले ही Q1FY25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के अपने अनुमानों को संशोधित कर दिया है. पहली तिमाही के दौरान महंगाई दर औसतन 5.2 फीसदी रहने की उम्मीद है. यह अनुमानित आंकड़ा आरबीआई के मुद्रास्फीति अनुमान 4.9 फीसदी से लगभग 30 आधार अंक अधिक है.

मासिक 10 फीसदी बढ़ सकती है सब्जियों की कीमत 

महंगाई दर में मुख्य रूप से बढ़ोत्तरी के लिए खाद्य महंगाई को जिम्मेदार के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि, अप्रैल से जून के बीच तापमान अधिक रहने वाला है, जो खाद्य पदार्थों के उत्पादन को प्रभावित करेगा. हीटवेव की भविष्यवाणी के कारण दालों, फलों और सब्जियों की कीमतें बढ़ सकती हैं. सब्जियों के दाम में मासिक आधार पर 10 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है. इसके अलावा विशेषज्ञों ने दूध की कीमतों में और बढ़ोतरी की आशंका जताई है. 

आरबीआई गवर्नर- मौसम की मार से बच जाएगा गेहूं 

आरबीआई गवर्नर ने हालिया एमपीसी मीट में कहा कि खाद्य कीमतों में अनिश्चितताएं लगातार चुनौतियां पैदा कर रही हैं, इसलिए आरबीआई एमपीसी मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिमों के प्रति सतर्क बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इस बार देश के अधिकांश हिस्सों में गेहूं की फसल की कटाई समय से पहले होने की संभावना है. इसलिए गेहूं उत्पादन पर गर्मी की मार पड़ने की संभावना कम है.

चना की कीमत पहले ही 10 फीसदी अधिक चल रही 

फल और सब्जी के साथ दाल की कीमतों पर अधिक दबाव पड़ सकता है. चना देश के दलहन उत्पादन का 50 फीसदी है और उसकी कीमतें कम उत्पादन की संभावनाओं के चलते पहले से ही एमएसपी रेट से 10 फीसदी ऊपर चल रही हैं. गर्मी के महीनों में उगाई जाने वाली प्रमुख दलहन किस्म मूंग के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ सकता है. बता दें कि जून 2023 से दालों की महंगाई दर फरवरी 2024 में भी दोहरे अंक यानी 18.9 फीसदी पर बनी हुई है. जबकि, इसके और ऊपर जाने का खतरा बना हुआ है. 

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