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La Nina से मेहरबान होगा मॉनसून, क्‍या बढ़िया बारिश बढ़ाएगी दालों के दाम?

La Nina से मेहरबान होगा मॉनसून, क्‍या बढ़िया बारिश बढ़ाएगी दालों के दाम?

La Nina की वजह  से ज्‍यादा बारिश दालों के लिए आफत बनेगी या राहत इस सवाल के जवाब से पहले गर्मी के सीजन में होने वाली दालों की खेती पर बात कर लेते हैं.

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ला नीना से बेहतर बारिश क्‍या दलहनी फसलों के लिए आफत बनेगी ला नीना से बेहतर बारिश क्‍या दलहनी फसलों के लिए आफत बनेगी

भारत का दाल इंपोर्ट इस साल दोगुना हो गया. मसलन भारत सरकार ने दालाें की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए साल 2023-24 में 45 लाख टन दालें इंपोर्ट की, जबकि एक साल पहले 24.5 लाख टन दालों का आयात किया था. इसी वजह से दालाें के दाम बढ़े हुए हैं. वहीं इस समस्‍या के समाधान के तौर पर भारत दालों के मामले में भारत को आत्‍मनिर्भर बनने की जोर अजमाईश कर रहा है. 

ऐसे में अब आगामी खरीफ सीजन यानी माॅनसून में दालाें के उत्‍पादन बढ़ाने पर जोर रहेगा. इस बीच मॉनसून में ला नीनो की वजह से बढ़िया बारिश का पूर्वानुमान है, लेकिन ला नीनो की मौजूदगी दालों की खेती पर भारी पड़ सकती है. किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है और दालों के दामों में बढ़ाेतरी होगी. आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्‍या है. 

La Nina कब होगा एक्‍टिव, मॉनसून में कितनी बारिश 

दक्षिण पश्‍चिमी मॉनसून को लेकर बीते दिनों मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया था. जिसके अनुसार जुलाई तक अल नीनो के न्‍यूट्रल हो जाने और अगस्‍त से ला नीनो के एक्‍टिव होने का पूर्वानुमान जारी किया गया था. साथ ही मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि ला नीना की वजह से इस बार माॅनसून में सामान्‍य से अधिक बारिश दर्ज होगी.

 खरीफ सीजन और दालों की खेती

दाल के मोर्चे पर भारत की चुनौतियां बनी हुई हैं. अरहर की दाल 200 रुपये किलो पार हो गई है. ऐसे में इस खरीफ सीजन दालों का रकबा 15 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है.असल में दालों के दाम किसानों को अधिक मिलने की उम्‍मीद है. वहीं भारत सरकार भी दालाें की खरीद बढ़ाना चाहती है. इसके लिए पोर्टल बनाया जाना है. ऐसे में उम्‍मीद लगाई जा रही है कि इस खरीफ सीजन से ही भारत को दालों के मामले में आत्‍मनिर्भर बनाने की शुरूआत होगी. असल में खरीफ सीजन दलहनी फसलों की खेती का मुख्‍य समय है. इस सीजन में अरहर, मूंग, उड़द की खेती भारत के अधिकांश राज्‍यों में होती है.

ज्‍यादा बारिश दालाें के लिए आफत और राहत

La Nina की वजह  से ज्‍यादा बारिश दालों के लिए आफत बनेगी या राहत इस सवाल के जवाब से पहले गर्मी के सीजन में होने वाली दालों की खेती पर बात कर लेते हैं. असल में दालाें की खेती के लिए कम सिंचाई की आवश्‍यकता होती है. इसकी जानकारी देते हुए चंद्रशेखर आजाद कृषि व प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय के वरिष्‍ठ कृषि मौसम वैज्ञानिक डाॅ सुनील पांडेय कहते हैं कि माॅनसून सीजन में दालाें की खेती जरूर की जाती है, लेकिन दलहनी फसलों को कम पानी की आवश्‍यकता होती है. इस वजह से दलहनी फसलों को सूखा प्रभावित क्षेत्राें, ऊंचे स्‍थानों में बोया जाता है, जिससे की दलहनी फसलें  अधिक उत्‍पादन दे सकें.

वह बताते हैं कि La Nina की वजह से बेहतर बारिश का पूर्वानुमान है. ये बेहतर बारिश दलहनी फसलों के लिए आफत बन सकती है. अगर सामान्‍य से अधिक बारिश के हालात एक साथ बनते हैं कि दलहनी फसलों को नुकसान होगा. इससे उत्‍पादन में गिरावट होगी. हालांकि उत्‍पादन में कितनी गिरावट होगी ये अभी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन अधिक बारिश दलहनी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है.