Hariyali Teej 2023: कब है हरियाली तीज, क्या है हरियाली और हरतालिका तीज में अंतर? 

Hariyali Teej 2023: कब है हरियाली तीज, क्या है हरियाली और हरतालिका तीज में अंतर? 

ज्योतिषियों के अनुसार हरियाली और हरतालिका दोनों तीज में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. उन्हें मनाती हैं. हालांक‍ि, तीज तीन प्रकार की होती है. 

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Hariyali Teej 2023: कब है हरियाली तीज, क्या है हरियाली और हरतालिका तीज में अंतर? जानिए हरियाली और हरतालिका तीज के बारे में

सावन का महीना है और हर तरफ हरियाली है. इसी हरियाली और सावन से जुड़ा है एक खास पर्व- तीज. प्रकृति के हरे रंग में ढके होने की वजह से ही सावन महीने में आने वाली इस तीज को हरियाली तीज कहा जाता है. तीज का ही एक और व्रत होता है जिसे हरतालिका तीज कहा जाता है. अब जब हरियाली तीज का व्रत आ रहा है तो कुछ लोग हरियाली तीज और हरतालिका तीज में कंफ्यूज हो जाते हैं. कुछ लोगों को लगता है कि दोनों एक ही हैं, जबकि ऐसा है नहीं. अब दूर करते हैं आपका कंफ्यूजन. दरअसल हर साल तीन तरह की तीज आती हैं- हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज.

हरियाली और हरतालिका तीज दोनों में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. पौराणिक कथा है कि इस दिन देवी ने भगवान शिव की तपस्या में 107 जन्म बिताने के बाद उन्हें अपने पति के रूप में स्वीकार किया था. इसल‍िए ह‍िंदू धर्म की मह‍िलाओं के ल‍िए इस त्योहार का महत्व और बढ़ जाता है. हरियाली तीज को छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है.  जानिए कब है इस बार हरियाली तीज का व्रत और क्या है हरियाली और हरतालिका तीज में अंतर

कब होती है हरियाली तीज 

हरियाली तीज सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं. इस बार हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी. सावन का महीना हरियाली का प्रतीक है. इसलिए महिलाएं हरे रंग के वस्त्र व चूड़ियां पहनकर व्रत रखती हैं. साथ ही भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं. कहा जाता है कि इस दिन शिव-पार्वती का मिलन हुआ था. 

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हरियाली और हरतालिका तीज में क्या है अंतर

अब हरियाली तीज और हरतालिका तीज में अंतर जान लेते हैं. हरियाली तीज सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं. इस बार यह 19 अगस्त को मनाई जाएगी. वहीं हरतालिका तीज भादो महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस बार यह 18 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन महिलाएं पीला या लाल कपड़े पहनकर पूरे दिन निर्जला रह कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं.  

 

तीज का महत्व 

साल में तीन तरह की तीज मनाई जाती है. तीनों में मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा होती है. यह व्रत पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है. माना जाता है क‍ि मां पार्वती ने सबसे पहले तीज का व्रत भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था. तभी इसकी शुरुआत हुई और महिलाएं व्रत रखकर पूरे लगन से पूजा-अर्चना करके मां पार्वती जैसा दांपत्य जीवन पाने की कामना करती हैं. तो वहीं कई जगहों पर तीज का व्रत कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं.

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