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देश के कई बांधों में घटा जलस्तर, संकट में फंसी अनाज-बागवानी फसलों की खेती

देश के कई बांधों में घटा जलस्तर, संकट में फंसी अनाज-बागवानी फसलों की खेती

CWC की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 86 जलाशय ऐसे हैं जिनमें जलस्तर 40 परसेंट से कम है और 24 जलाशयों में स्टोरेज 50 परसेंट से कम है. सभी जलाशयों की रिपोर्ट देखें तो छह ऐसे हैं जो पूरी तरह से सूख गए हैं और एक दर्जन में पानी का स्तर सिंगल डिजिट में पहुंच गया है.

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बांधों में जलस्तर तेजी से गिर रहा है बांधों में जलस्तर तेजी से गिर रहा है

दक्षिण भारत के बांधों में पानी की स्थिति गंभीर है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, पानी की मात्रा तेजी से घट रही है. देश के अन्य हिस्सों में भी यही कमोवेश यही हाल है. एक रिपोर्ट बताती है कि दक्षिण भारत के 5 बड़े जलाशय सूख गए हैं और बाकी के 10 बांधों में स्टोरेज क्षमता सिंगल डिजिट में पहुंच गया है. यह रिपोर्ट सरकार की संस्था सेंट्रल वाटर कमीशन यानी कि CWC की ओर से जारी की गई है. रिपोर्ट कहती है कि लगातार 25वां हफ्ता ऐसा हुआ है जब देश के 150 बड़े बांधों में पानी का स्तर गिरावट की ओर है.

सीडबल्यूसी की रिपोर्ट बताती है कि बड़े बांधों में पानी की मात्रा में गिरावट 36 परसेंट के आसपास है. बांधों में पानी के स्तर की रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी हर हफ्ते जारी करता है. इसमें देश के 150 प्रमुख बांध शामिल हैं. इस बार की रिपोर्ट के मुताबिक, 150 में तीन चौथाई बांधों में जलस्तर 50 परसेंट से नीचे चला गया है. यह स्थिति तब है जब अभी गर्मी पूरी तरह से शुरू भी नहीं हुआ है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, पानी का स्तर और भी नीचे जाएगा. इससे बिजली के साथ सिंचाई पर भी विपरीत असर हो सकता है.

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क्या कहती है CWC की रिपोर्ट?

CWC की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 86 जलाशय ऐसे हैं जिनमें जलस्तर 40 परसेंट से कम है और 24 जलाशयों में स्टोरेज 50 परसेंट से कम है. सभी जलाशयों की रिपोर्ट देखें तो छह ऐसे हैं जो पूरी तरह से सूख गए हैं और एक दर्जन में पानी का स्तर सिंगल डिजिट में पहुंच गया है. चौंकाने वाली बात ये है कि जिन बांधों में आधा से कम पानी बचा है, उनमें अधिकांश जलाशय दक्षिण भारत में हैं. इस साल जलस्तर की स्थिति पिछले साल की तुलना में और भी अधिक खराब है. राज्यों की बात करें तो बिहार में एक ही जलाशय है और उसमें भी पानी का स्तर सामान्य से 77 परसेंट कम चला गया है. आंध्र प्रदेश में चार बांध हैं और इनमें पानी का स्तर 73 परसेंट से भी कम हो गया है.

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तमिलनाडु में पानी का स्तर सामान्य से 34 परसेंट कम और कर्नाटक में 22 फीसदी कम है. तेलंगाना के जलाशयों में पानी का स्तर सामान्य से 12 परसेंट कम है. वजह की बात करें तो बांधों में पानी का स्तर कम होने के पीछे अल नीनो जिम्मेदार है. देश में जून 2023 से अल नीनो का असर है. तब से बारिश की मात्रा कम है. कई राज्यों में मॉनसून की बारिश बहुत कम हुई है जिससे बांधों को पानी नहीं मिल पाया है. अल नीनो और मॉनसून की बारिश की कमी का सबसे अधिक असर आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में देखा गया है. यही वजह है कि दक्षिण भारत के बांधों में पानी का स्तर सबसे अधिक गिरा है.

बांधों में पानी की कमी का असर खेती-बाड़ी पर देखा जा रहा है. आम फसलों के अलावा बागवानी फसलों पर भी बुरा असर है. धान से लेकर मसाले की खेती प्रभावित हुई है. अनाज से लेकर टमाटर की फसल पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखा जा रहा है. इस बीच भारत मौसम विभाग यानी कि IMD ने साफ कर दिया है कि अगले कुछ दिनों तक अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा. इससे गर्मी बढ़ने और पानी का स्तर और भी घटने की आशंका है.