देशभर के ग्रामीण इलाकों में स्थापित 2596 PACS यानी प्राइमरी कृषि ऋण समितियां को जन औषधि केंद्र के रूप में तब्दील कर दिया गया है. यहां पर बाजार भाव से 50-90 फीसदी तक कम रेट में दवाइयां मिलनी शुरू हो गई हैं. जबकि, 5 हजार से अधिक पैक्स ने जन औषधि केंद्र में तब्दील होने के लिए आवेदन किए हैं. केंद्र सरकार जन औषधि योजना के जरिए गरीब वर्ग को सस्ती कीमत में दवाएं उपलब्ध करा रही है. ग्रामीण इलाकों में सस्ती दवाइयां पहुंचाने के लिए पैक्स को जन औषधि केंद्र में बदला जा रहा है. वहीं, देश में मार्च 2026 तक 25,000 जनऔषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है.
सहकारिता मंत्रालय के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में 1 लाख से अधिक पैक्स (Primary Agricultural Credit Societies) स्थापित हैं. जबकि, साल 2029 तक इनकी संख्या बढ़ाकर 2 लाख के पार पहुंचाने का लक्ष्य है. इन पैक्स को सहकारिता मंत्रालय मल्टीपरपज बना रहा है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके. इसी क्रम में पैक्स को जन औषधि केंद्र के रूप में कनवर्ट किया जा रहा है. जन औषधि केंद्रों पर बाजार भाव से 50-90 फीसदी तक सस्ती दवाएं और मेडिकल उपकरण मिलते हैं.
सहकारिता स्वास्थ्य का संगम के तहत PACS के जरिए अब प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का संचालन भी किया जा रहा है. जन औषधि केंद्र खोलने से PACS को अपने आर्थिक कार्यों में विस्तार के नए अवसर मिल रहे हैं और लोगों को सस्ती एवं अच्छी दवाइयां उपलब्ध हो रही हैं. मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार देशभर में मौजूद 2596 पैक्स का जन औषधि केंद्र के रूप में संचालन शुरू कर दिया गया है.
सहकारिता मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि पैक्स को जन औषधि केंद्र में बदलने लिए 4692 आवेदन पहुंचे हैं. इनमें से 532 को ड्रग लाइसेंस जारी किया गया है. वहीं, 354 पैक्स को स्टोर कोड जारी हो चुके हैं, जो जल्द ही पूर्ण रूप से जन औषधि केंद्र के रूप में संचालन शुरू कर देंगे. बता दें कि 31 जनवरी 2024 तक देश भर में लगभग 10,624 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र हैं. जबकि, केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देशभर में 25,000 जनऔषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है.
पैक्स को जन औषधि केंद्र में बदलने के अलावा कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में भी बदला जा रहा है. हाल ही में देश की 33 हजार PACS को सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) के रूप में बदल दिया गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 51,898 से ज्यादा PACS को CSC पोर्टल पर ऑनबोर्ड किया जा चुका है, जिनमें से 33,626 से अधिक PACS ने कॉमन सर्विस सेंटर CSC की सेवाएं देना शुरु कर दिया है. सरकार पैक्स को मल्टी परपज बना रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके.
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