लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद हो गया है. लोकसभा चुनाव 2024 में भी चुनावी जंग एनडीए यानी बीजेपी बनाम इंंडी अलायंस यानी कांग्रेस के बीच होनी तय है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने बीते दिनों लोकसभा चुनाव 2024 के लिए घोषणा पत्र भी जारी कर दिया है, जिसमें किसानों के लिए 5 न्याय गांरटियों का ऐलान किया गया है. इसी तरह बीजेपी भी अपना संकल्प यानी घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी में है.
माना जा रहा है कि बीजेपी के घोषणा पत्र में भी खेती-किसानी के लिए कई वादे होंगे, जिसकी झलक नवंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में देखी जा चुकी है, लेकिन राजनीतिक दलों के लोकसभा चुनाव 2024 के वादों पर भरोसे से पहले इलेक्शन 2019 में हुए कृषि वादों की पूरी पड़ताल की जाए. क्योंकि किसी भी राजनीतिक दल के लोकसभा चुनाव 2024 की चुनावी घोषणाओं का आधार इलेक्शन 2019 में किए गए वादे ही हैं. आइए इसी कड़ी में जानते हैं कि बीजेपी-कांग्रेस ने 2019 में किसानों से क्या वादे किए थे.
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीते दिनों अपना घोषणा पत्र जारी किया है, जिसमें किसानों के लिए 5 न्याय गांरटी का ऐलान किया है, जिसके तहत कांग्रेस ने सत्ता में आने पर कृषि उपकरणों को GST मुक्त करने की बात कही है.
इसी तरह स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों के फार्मूले से MSP तय और उसे कानूनी दर्जा देने की घोषणा कांग्रेस ने की है. वहीं किसानों को ध्यान में रखते हुए एक्सपोर्ट-इंपोर्ट पॉलिसी बनाने, किसानों का लोन माफ करने के लिए स्थाई किसान ऋण माफी आयोग बनाने की घोषणा और पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव कर नुकसान होने पर 30 दिन में मुआवजा देने की घाेषणा कांग्रेस ने की है.
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों से क्या वादा किया था. ये जानना बेहद ही जरूरी है. असल में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तैयार कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों को दाम-सबके हितार्थ अर्थव्यवस्था की टैगलाइन के साथ जगह दी गई थी, जिसके अधीन कृषि, किसान और कृषि श्रमिक से जुड़े वादे किए थे.
इसमें कांग्रेस ने 'सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं' देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की इन पंंक्तियों के साथ किसानों के लिए अपने वादों की शुरुआत की थी.
मतलब, नेहरूवियन थॉट के साथ घोषणा पत्र में कांग्रेस ने खुद को किसानों का दर्द समझने वाली पार्टी के तौर पर प्रचारित करते हुए छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्र्देश में किसान कर्ज माफी का जिक्र करते हुए अन्य राज्यों में किसान कर्ज माफी करने, किसानों को कर्ज मुक्ति की तरफ ले जाने, अलग से किसान बजट जारी करने, कृषि विकास और योजना बनाने, कृषि लागत कम करने और कृषि सब्सिडी, कृषि उपज मंंडी अधिनियम में संशोधन करने की घोषणा की थी.
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक यानी C2+50% के फार्मूले से MSP तय करने और MSP को कानूनी दर्जा देने का वादा किया है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के घोषणा पत्र से ये मुद्दे गायब थे. कांग्रेस ने 2019 के घोषणा पत्र में MSP को लेकर बीजेपी पर हमला किया है, जिसमें बीजेपी पर पिछले 4 साल में किसानों को उचित MSP नहीं देने का आरोप लगाया था.
कांग्रेस के घोषणा पत्र के बाद ही बीजेपी की तरफ से लोकसभा चुनाव 2019 में जारी घोषणापत्र की बात करना जरूरी होता है. इसका मुख्य कारण ये है कि बीजेपी सत्ता पक्ष वाली पार्टी है, जिसने वादों पर सत्ता में आने पर कितना अमल किया है, उसकी पड़ताल भी जरूरी होती है.
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने अपने संकल्प यानी घोषणा पत्र में किसानों से क्या वादे किए थे. इसकी बात करें तो बीजेपी ने 2019 के इलेक्शन में खेती-किसानी को राष्ट्र सर्वप्रथम के एजेंडे के बाद जगह दी थी, जिसमें बीजेपी ने किसान और किसान कल्याण की टैगलाइन के साथ 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने, 2 हेक्टेयर तक जोत वाले सभी किसानों को पीएम सम्मान निधि का लाभ देने, छोटे और सीमांत जोत वाले 60 साल से अधिक उम्र वाले किसानों के लिए पेंशन योजना, ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड, गुणवत्तापूर्ण बीजों का वादा, तिलहनी मिशन, देशभर में वेयरहाउस निर्माण, 2022 तक एफपीओ का गठन, राष्ट्रीय शहद मिशन शुरू करते हुुए जैविक खेती को बढ़ावा, देशी नस्ल की गायों को बढ़ावा जैसी घोषणा की थी.
किसानों की आय दोगुनी करने में बीजेपी फिसड्डी साबित हुई है. इसी तरह खाद्य तेल मिशन तो शुरू हुआ है, लेकिन उपभोक्ता केंद्रित खाद्य तेल इंपोर्ट नीति ने किसानों की मुुुुश्किलें बढ़ाई हैं. ब्याज मुक्त केसीसी की योजना अमल में नहीं लाई गई है. बल्कि केसीसी से लोन पर 2 फीसदी ब्याज छुट की योजना लागू है.
पीएम किसान सम्मान निधि का दायरा बढ़ा है, किसानों की पसंद बनी है. किसानों को पेंशन के लिए पीएम मानधन योजना शुरू की गई है. राष्ट्रीय शहद मिशन के साथ प्राकृतिक खेती के लिए योजना बनी है.
सहकारिता मंत्रालय के गठन के साथ कृषि में एफपीओ का विस्तार हुआ है, इसी तरह गोकुल मिशन से देशी गायों के वंश में बढ़ोतरी का कार्यक्रम भी जारी है. सहकारिता मंंत्रालय के तहत वेयरहाउस की जगह पैक्स के माध्यम से दुनिया का सबसे बड़ा अनाज भंडारण बनाने की कार्ययोजना भी जारी है.
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