Farmer Income: यूपी में किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम, फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी

Farmer Income: यूपी में किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम, फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी

खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दरों में हालिया कटौती से घरेलू मांग में इजाफा हुआ है. इससे कृषि आय में वृद्धि और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना के तहत राज्य ने 98 फीसदी तक बैंक लोन अप्रूवल रेट भी हासिल कर लिया है. यह बाकी भारतीय राज्यों में सबसे ज्‍यादा है.

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Farmer Income: यूपी में किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम, फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स को हरी झंडीयूपी सरकार का बड़ा फैसला, किसानों को होगा फायदा

उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 10,000 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा के फूड प्रोसेसिंग प्रपोजल्‍स को मंजूरी दे दी है. उत्तर प्रदेश के डिप्‍टी चीफ मिनिस्‍टर केशव प्रसाद मौर्य ने कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए प्राइवेट सेक्‍टर के इनवेस्‍टमेंट को आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा, 'खाद्य उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कमी से घरेलू मांग बढ़ी है. इससे न सिर्फ केवल कृषि आय बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.' आपको बता दें कि डिप्‍टी सीएम मौर्या के पास फूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट की भी जिम्मेदारी है. 

जीएसटी से होगा फायदा 

डिप्‍टी सीएम ने बताया कि खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दरों में हालिया कटौती से घरेलू मांग में इजाफा हुआ है. इससे कृषि आय में वृद्धि और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना के तहत राज्य ने 98 फीसदी तक बैंक लोन अप्रूवल रेट भी हासिल कर लिया है. यह बाकी भारतीय राज्यों में सबसे ज्‍यादा है. अगर बाकी राज्‍यों की बात करें तो यह 80 फीसदी है. 

बाजार तक किसानों की पहुंच 

डिप्‍टी सीएम मौर्या ने आगे कहा कि फूड प्रोसेसिंग में वैल्‍यु एडीशन इंटीग्रेशन से छोटे किसानों को स्थिर बाजारों तक पहुंचने और बर्बादी को कम करने में मदद मिलेगी. इससे सतत ग्रामीण विकास में योगदान मिलेगा. उन्‍होंने बताया कि फूड प्रोसेसिंग प्राइस चेन राज्‍य की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी 2023 से और मजबूत हुई है. यह 1 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित है. पीएमएफएमई योजना के तहत, परियोजना लागत का 35 प्रतिशत तकअधिकतम 10 लाख रुपये तक की राशि सब्सिडी के तौर पर दी जाती है. 

कृषि अर्थव्‍यवस्‍था हुई मजबूत 

एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से अखबार बिजनेस स्‍टैंडर्ड ने लिखा, '10,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का निवेश वाले 400 से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 60 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं. राज्य में 250 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है.' पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था तीन गुना बढ़कर लगभग 7 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गई है. राज्य के सकल कृषि मूल्य वर्धन (जीएसवीए) में अनाज का योगदान 40 प्रतिशत से अधिक है, जबकि बागवानी और गन्ने की फसलों का योगदान क्रमशः 22.50 प्रतिशत और 19.5 प्रतिशत है. 

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