केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोनीपत के पांची गुजरान गांव में भारत का पहला इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी बदलने और चार्ज करने वाले स्टेशन का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में स्थानीय भाजपा नेता भी मौजूद थे. नितिन गडकरी ने मंच से कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत विमान के लिए ईंधन बनाने में नंबर एक देश बन जाएगा. उन्होंने किसानों से भी कहा कि वे पराली जलाने की बजाय उसका उपयोग ईंधन बनाने में करें, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और प्रदूषण भी कम होगा.
उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी है, लेकिन हमारी लॉजिस्टिक्स यानी माल ढोने की लागत चीन से दोगुनी है. सरकार अब नई ईंधन प्रणाली ला रही है, जिससे किसान भी ईंधन बनाने में मदद करेंगे.
गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र के नागपुर और जबलपुर में सड़कें पराली से बनाई जा रही हैं और भारत में साइकिल बनाने के लिए भी पराली का उपयोग हो रहा है. उन्होंने बताया कि वे खुद बायो-एथेनॉल से चलने वाली गाड़ी में आए थे, जो प्रदूषण कम करता है. अब कृषि मशीनों के लिए भी बायो-एथेनॉल का इस्तेमाल हो रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन अब इसे रोकने में सफलता मिली है. मक्के से एथेनॉल बनने से किसानों की फसल की कीमतें बढ़ी हैं और इससे उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों को 45 हजार करोड़ रुपए का लाभ मिला है. उन्होंने कहा कि अगर हम किसानों की मदद करना चाहते हैं तो हमें बायोफ्यूल और नए ईंधनों पर काम करना होगा.
गडकरी ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की कीमत 50-60% कम हो गई है और इलेक्ट्रिक वाहन बिना प्रदूषण के चलते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रकों की लागत रेलवे की तुलना में कम हो जाएगी जिससे माल ढोना सस्ता होगा.
उन्होंने बताया कि अब लॉजिस्टिक्स की लागत 6% कम हो गई है. सड़कें बेहतर हो गई हैं और इसलिए माल ढोने की कीमतें कम होंगी. दिल्ली में कई बड़े सड़क निर्माण के काम हो चुके हैं और देश में सुपरफास्ट राजमार्ग बन गए हैं, जिससे ईंधन की बचत होगी.
नितिन गडकरी ने कहा कि जल्द ही भारत डीजल ईंधन से मुक्त हो जाएगा और मेक इन इंडिया पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. भविष्य में तकनीक बहुत तेजी से बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि अब सड़कें बनाने के लिए कचरे का उपयोग भी किया जा रहा है. मध्य प्रदेश के विधायक कहेंगे कि हमें कचरा दो, हम उसका इस्तेमाल ईंधन बनाने में करेंगे.
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