श्रीलंका ने मंगलवार से आलू और प्याज पर इंपोर्ट ड्यूटी यानी आयात शुल्क में इजाफा कर दिया है. देश में प्याज पर आयात शुल्क 10 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 50 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है. सरकार पिछले काफी समय से इस पर विचार कर रही थी. ऐसे समय में जब भारत में किसान प्याज की गिरती कीमतों से जूझ रहे हैं, श्रीलंका के इस फैसले का कुछ असर उन पर भी पड़ सकता है. पिछले साल ही भारत ने श्रीलंका को होने वाले प्याज के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाया था. श्रीलंका का फैसला भारत के किसानों के लिए झटका साबित हो सकता है.
श्रीलंका के हीरू न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय किसानों की तरफ से पिछले काफी समय से कुछ सब्जियों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की मांग की जा रही थी. कैबिनेट ने आखिरकार इस पर विचार किया और किसानों के बार-बार किए गए अनुरोध पर एक रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. आंतरिक सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय खाद्य सुरक्षा समिति की तरफ से पेश की गई एक रिपोर्ट पर आधारित है. इस रिपोर्ट में आयातित आलू, लाल प्याज और बड़े प्याज के घरेलू कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार किया गया था.
किसान लंबे समय से सरकार से इन वस्तुओं पर ज्यादा ड्यूटी लगाने की अपील कर रहे थे. उन्हें कम लागत वाले आयातों से प्रतिस्पर्धा करने में कठिनाई हो रही थी और ऐसे में उन्हें सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर काफी उम्मीदें थीं. अभी इस बारे में आधिकारिक ऐलान होना बाकी है और माना जा रहा है कि आज शाम तक इसका ऐलान कर दिया जाएगा. वर्तमान में श्रीलंका पर इंपोर्टेड आलू पर 20 रुपये प्रति किलोग्राम, लाल प्याज पर 50 रुपये प्रति किलोग्राम और बड़े प्याज पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम की ड्यूटी लगाई जाती है.
भारत सरकार ने पिछले साल अप्रैल में श्रीलंका के लिए प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया था. उस 15 अप्रैल 2024 को विदेश व्यापार महानिदेशालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि भारत की तरफ से श्रीलंका के लिए 10,000 मीट्रिक टन तक प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है. भारत सरकार के अनुसार श्रीलंका को दी गई छूट 'नेबरहुड फर्स्ट' की नीति के तहत थी. भारत ने सिंहली और तमिल नववर्ष के उत्सवों के मौके पर प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया था.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today