Onion Procurement: प्‍याज खरीद मसले पर बॉम्‍बे हाई कोर्ट पहुंचा किसान, नेफेड पर लगाए गंभीर आरोप  

Onion Procurement: प्‍याज खरीद मसले पर बॉम्‍बे हाई कोर्ट पहुंचा किसान, नेफेड पर लगाए गंभीर आरोप  

Onion Procurment: महाराष्‍ट्र में प्‍याज की खेती करने वाले किसान विश्‍वास माधवराव मोरे, जो पिंपलगांव के रहने वाले हैं, उनकी तरफ से हाई कोर्ट में प्‍याज खरीद से जुड़ी एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में मोरे ने आरोप लगाया है कि सरकारी एजेंसियां जैसे नैफेड और NCCF में खरीद में धांधली कर रही हैं. मोरे की तरफ से 22 एजेंसियों को नोटिस भेजे गए हैं.

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Onion Procurement: प्‍याज खरीद मसले पर बॉम्‍बे हाई कोर्ट पहुंचा किसान, नेफेड पर लगाए गंभीर आरोप  Onion Procourment: किसान ने दायर की हाई कोर्ट में प्‍याज पर याचिका

महाराष्‍ट्र में प्‍याज के किसानों ने पिछले दिनों खरीद में धांधली का आरोप लगाया है. अब यहां का किसान बॉम्‍बे हाईकोर्ट पहुंचा है. किसान का आरोप है प्‍याज की खरीद में कई तरह की वित्‍तीय अनियमितताएं बरती जा रही हैं. इस किसान ने खरीद में सरकारी एजेंसियों नैफेड और NCCF पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हाल ही में इस मामले में छठी बार सुनवाई हुई है. वहीं आरोपों पर अभी तक नैफेड और NCCF ने कोई भी जवाब नहीं दिया है. किसान का कहना है कि एजेंसियों की चुप्‍पी का मकसद जानबूझकर जांच प्रक्रिया को धीमा है. 

22 एजेंसियों को भेजे नोटिस 

महाराष्‍ट्र में प्‍याज की खेती करने वाले किसान विश्‍वास माधवराव मोरे, जो पिंपलगांव के रहने वाले हैं, उनकी तरफ से हाई कोर्ट में प्‍याज खरीद से जुड़ी एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में मोरे ने आरोप लगाया है कि सरकारी एजेंसियां जैसे नेफेड और NCCF में खरीद में धांधली कर रही हैं. मराठी मीडिया के अनुसार मोरे की तरफ से 22 एजेंसियों को नोटिस भेजे गए हैं. ये नोटिस प्‍याज की खरीद से जुड़ी नोडल एजेंसियों और कई सरकारी विभागों को भेजे गए हैं. मोरे की मानें तो प्‍याज खरीद में किसानों से करोड़ों रुपये लूटे जा रहे हैं. 

FPC पर लगे गंभीर आरोप 

जो नोटिस मोरे की तरफ से भेजे गए हैं, उनमें 11000 पेजों के डॉक्‍यूमेंट्स हैं. अभी तक नेफेड और  NCCF के अलावा प्‍याज ट्रेडर्स एसोसिएशन की तरफ से भी कोई जवाब नहीं दिया गया है. सुनवाई के दौरान नैफेड का पक्ष रखने वाले वकील का कहना था कि उन्‍हें कोई भी नोटिस नहीं मिला है और मोरे ने इसे झूठ बताकर खारिज कर दिया है. मोरे का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से जो फंड मुहैया कराया गया है, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियां (FPC) उसका गलत प्रयोग कर रही हैं. हाई कोर्ट ने अब आदेश दिया है कि जिन 19 की तरफ से मोरे के नोटिस का जवाब दिया गया है, उनकी कॉपी उन्‍हें मुहैया कराई जाएं. मामले की अगली सुनवाई अब 19 सितंबर को होगी. 

सरकार ने किया था वादा 

महाराष्‍ट्र में पिछले काफी समय से प्‍याज की खरीद में धांधली की बातें सामने आ रही हैं. जुलाई में राज्‍य के एंटी-करप्‍शन डिपार्टमेंट ने अब उन शिकायतों पर ध्‍यान केंद्रित किया था जो प्‍याज की खरीद में घूसखोरी और दूसरी अनियमितताओं से जुड़ी हुई हैं. विभाग ने इसके साथ ही कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है ताकि खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जा सके. राज्‍य के  मंत्री जयकुमार रावल ने विधान परिषद में इससे जुड़ी कई बातें कहीं थी. किसानों की तरफ से काफी समय से  नेफेड और एनसीसीएफ की तरफ से हो रही प्‍याज खरीद में बड़ी अनियमितताओं का दावा किया जा रहा है. किसान की ओर से सरकारी खरीद में बिचौलियों की भूमिका, वजन में अनियमितताओं, सही कीमत की रसीद न मिलना और पैसे मिलने में देरी की शिकायतें की जा रही हैं. 

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