केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ और ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ से संबंधित एक हाई लेवल मीटिंग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की. इस दौरान, इन योजनाओं को समयसीमा के अंदर लागू करने के लिए शिवराज सिंह ने निर्देश दिए. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को तुरंत लागू करने के लिए शिवराज सिंह 11 मंत्रालयों के मंत्रियों के साथ जल्द ही बैठक करेंगे.
मीटिंग में बताया गया कि जिलेवार क्लस्टर बनाकर दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर काम किया जाएगा. इस संबंध में राज्यों से क्लस्टर निर्माण के लिए सहयोग लिया जा रहा है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को जमीनी स्तर पर बेहतर तरीके से लागू करने के लिए भी शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का जमीनी स्तर पर इसके जल्द लागू होने से किसानों को फायदा होगा.
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को देश के 100 आकांक्षी जिलों में कृषि उत्थान के लिए 11 मंत्रालयों की 36 उप-योजनाओं को समन्वित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से लॉन्च किया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिवराज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द ही इन 11 मंत्रालयों के मंत्रियों और सचिवों सहित नीति आयोग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित जाए, जिससे प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का अधिकतम लाभ देश के किसान भाई-बहनों को मिल सके.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए इस मिशन से संबंधित राज्यों से जुड़े नोडल अधिकारियों के साथ भी एक बैठक आयोजित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया, जिससे कि मिशन को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके. गत 11 अक्टूबर को पूसा, दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया था.
इससे पहले 16 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी थी. वित्त वर्ष 2025-26 से ये योजनाएं छह वर्ष की अवधि के लिए चलाई जाएगी. इसका वार्षिक परिव्यय 24,000 करोड़ रुपये है. वहीं, ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा. इस मिशन से 2030-31 तक दलहन क्षेत्रफल को 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर तक विस्तृत करने, उत्पादन को 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन तक बढ़ाने और उत्पादकता को 1130 किलोग्राम/हेक्टेयर तक बढ़ाने की उम्मीद है. उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ यह मिशन बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी करेगा.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today