जालना में जालना-नांदेड़ समृद्धि राजमार्ग से प्रभावित किसानों ने सड़क नाकाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध जालना-नांदेड़ समृद्धि राजमार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग को लेकर किया गया. जालना के देवमूर्ति गांव में जालना-नांदेड़ समृद्धि राजमार्ग से प्रभावित किसान पिछले 165 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं. विरोध में, किसानों ने आज देवमूर्ति में एक विशाल सड़क नाकाबंदी की. विरोध प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारी किसानों ने राज्य सरकार से जालना-नांदेड़ समृद्धि राजमार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए जल्द से जल्द पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की. इस विशाल सड़क नाकाबंदी के परिणामस्वरूप जालना-सिंधखेड़ाजा राजमार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे कुछ समय के लिए यातायात बाधित रहा.
जालना-नांदेड़ समृद्धि महामार्ग एक ग्रीनफील्ड लिंक रोड परियोजना है जो प्रमुख मराठवाड़ा शहरों- जालना, परभणी और नांदेड़ को मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे से जोड़ती है. इस मार्ग को आधिकारिक तौर पर हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के रूप में भी जाना जाता है. यह छह लेन वाला खंड जालना और नांदेड़ के बीच की दूरी 226 किलोमीटर से घटाकर 179 किलोमीटर कर देगा और नांदेड़ से मुंबई तक यात्रा का समय 12 घंटे से घटाकर लगभग छह घंटे कर देगा.
यह राजमार्ग जालना, परभणी और नांदेड़ जिलों से होकर गुज़रेगा. इस 179 किलोमीटर लंबे हिस्से में से लगभग 93.52 किलोमीटर हिस्सा परभणी जिले के चार तालुकाओं से, 66.46 किलोमीटर हिस्सा जालना के तीन तालुकाओं से और 19.82 किलोमीटर हिस्सा नांदेड़ जिले के एक तालुका से होकर गुज़रेगा.
जालना जिले के तीन तालुकाओं: जालना, परतुर और मंथा से होकर गुजरने वाली यह परियोजना जालना तालुका के 19 गांवों को प्रभावित कर रही है. प्रभावित किसान अपनी ज़मीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि जालना-नांदेड़ समृद्धि राजमार्ग के लिए उन्हें मुंबई-नागपुर समृद्धि राजमार्ग के समान ही मुआवजा मिले.
इस परियोजना की घोषणा महाराष्ट्र के 2021-22 के वार्षिक बजट में की गई थी और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया दिसंबर 2021 में शुरू हुई थी. हालाँकि, अब तक राजमार्ग के लिए 50 प्रतिशत से भी कम भूमि का अधिग्रहण किया गया है.
जालना-नांदेड़ समृद्धि राजमार्ग के लिए अधिग्रहित अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रभावित किसान पिछले 165 दिनों से जालना तालुका के देवमूर्ति गांव में धरना दे रहे हैं. इससे पहले, ये किसान लगभग सात दिनों तक देवमूर्ति गाँव में धरना दे चुके थे, जिसके बाद लिखित आश्वासन मिलने पर उन्हें धरना स्थगित करना पड़ा था. हालाँकि, एक महीने बाद, किसानों ने अपनी माँगें पूरी न होने के बावजूद अपना धरना फिर से शुरू कर दिया है.
दो दिन पहले किसानों ने एक कुएं में कूदकर "जल समाधि" का विरोध किया था. लगभग ढाई घंटे की समझाइश के बाद प्रशासन ने उन्हें बचाया और विरोध प्रदर्शन समाप्त कराया. हांलकिन, आज ये किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं और हाईवे के लिए अधिग्रहित अपनी ज़मीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. किसानों का यह विरोध प्रदर्शन इस समय पूरे ज़िले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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