शंभू बॉर्डर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी शंभू बॉर्डर नहीं खुलेगा. इस मामले में 2 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ बैठक जारी रखने का निर्देश दिया. पंजाब को अगले 3 दिन में बाकी कमेटी सदस्यों के लिए नाम देने होंगे. पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने किसानों के साथ हुई मीटिंग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी है. बुधवार को पटियाला में इसे लेकर मीटिंग हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह किसानों की शिकायतों को "हमेशा के लिए" सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए जल्द ही कई मेंबरों वाली समिति का गठन करेगा. जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर को तय करते हुए पंजाब और हरियाणा सरकारों से किसानों से जुड़े मुद्दे को समिति को देने को कहा.
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पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके 12 अगस्त के आदेश का पालन करते हुए उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक की, जिसमें वे बंद पड़े हाईवे को आंशिक रूप से खोलने पर सहमत हुए. पीठ ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत जारी रखने और उन्हें हाईवे से अपने ट्रैक्टर और ट्रॉलियां हटाने के लिए मनाने को कहा.
इससे पहले 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की थी. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन करने वाले किसानों को सड़क से ट्रैक्टर और ट्रॉलियां हटाने के लिए मनाने को कहा. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी "हाईवे पार्किंग प्लेस नहीं हैं".
अदालत हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसे अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को एक सप्ताह के भीतर हटाने के लिए कहा गया था. इस बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं.
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हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नई दिल्ली नेशनल हाईवे पर बैरिकेड्स लगाए थे, जब 'संयुक्त किसान मोर्चा' (गैर-राजनीतिक) और 'किसान मजदूर मोर्चा' ने घोषणा की थी कि किसान अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करेंगे. आंदोलनरतर किसानों की मांग में उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी शामिल है.
शंभू बॉर्डर पर फरवरी से किसान धरने पर बैठे हैं. यहां तक कि वे राशन-पानी के साथ विरोध में जमे हुए हैं. किसानों की मांग है कि उन्हें दिल्ली जाने के लिए रास्ता दिया जाए. वे दिल्ली कूच को लेकर पहले से तैयारियों में हैं. लेकिन शंभू बॉर्डर बंद होने से उनके ट्रैक्टर और ट्रॉली आगे नहीं बढ़ पाएंगे. कुछ महीने पहले हाई कोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था. लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिस पर समय-समय पर सुनवाई चल रही है. किसान अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली आना चाहते हैं. इन मांगों में सबसे खास है एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग जिसे केंद्र सरकार ठुकरा चुकी है.
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