Ratan Tata: रतन टाटा के बारे में 10 बातें, जिन्हें जानना है जरूरी

Ratan Tata: रतन टाटा के बारे में 10 बातें, जिन्हें जानना है जरूरी

रतन टाटा के नेतृत्व में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण हुआ जिनमें 2007 में ब्रिटिश स्टील कंपनी कोरस और 2008 में लक्जरी कार कंपनी लैंड रोवर का नाम शामिल है. टाटा के नेतृ्त्व में टाटा ग्रुप ने दुनिया के कई देशों में अपना काम बढ़ाया. आज लगभग 100 देशों में इसका बिजनेस है और राजस्व 165 अरब डॉलर का है.

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Ratan Tata: रतन टाटा के बारे में 10 बातें, जिन्हें जानना है जरूरीरतन टाटा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

देश-दुनिया के बिजनेस में बड़ा नाम रखने वाले रतन टाटा का निधन हो गया. 86 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. भारत की सबसे पुरानी कंपनियों में शुमार टाटा ग्रुप की कमान संभालने और उसे दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने में रतन टाटा का नाम महत्वपूर्ण है. बुधवार रात मुंबई में उनका निधन हो गया. इस दुखद समाचार को जारी करते हुए कंपनी ने कहा, कंपनी ने कहा, "हम बहुत दुख के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं, वे वास्तव में एक असाधारण शख्सियत थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे देश के ढांचे को भी आकार दिया है."

रतन टाटा के बारे में 10 बातें

  1. टाटा ग्रुप लीडरशिप- रतन टाटा ने दो दशक तक टाटा सन्स कंपनी के चेयरमैन पद पर सेवा दी. वे इस पद पर 1991 से 2012 तक और 2016 में अंतरिम चेयरमैन के पद पर बने रहे.
  2. दुनिया में कंपनी का प्रसार- टाटा के नेतृ्त्व में टाटा ग्रुप ने दुनिया के कई देशों में अपना काम बढ़ाया. आज लगभग 100 देशों में इसका बिजनेस है और राजस्व 165 अरब डॉलर का है.
  3. बड़े-बड़े अधिग्रहण- रतन टाटा के नेतृत्व में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण हुआ जिनमें 2007 में ब्रिटिश स्टील कंपनी कोरस और 2008 में लक्जरी कार कंपनी लैंड रोवर का नाम शामिल है.
  4. शैक्षणिक पृष्ठभूमि- अपने पिता की इच्छा का ध्यान रखते हुए रतन टाटा ने करियर के शुरुआती दिनों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्चर की पढ़ाई करते हुए 1962 में ग्रैजुएशन की डिग्री ली.
  5. समाजसेवा- समाजसेवा और परोपकार के काम के लिए रतन टाटा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. यही वजह है कि उनके निधन ने टाटा ट्रस्ट को लगभग बेसहारा कर दिया है. इस ट्रस्ट में टाटा संस की 66 फीसद हिस्सेदारी है.
  6. रतन टाटा का बचपन- 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में जन्मे रतन नवल टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी ने किया, जब वे 10 वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता नवल और सूनी टाटा का तलाक हो गया था. उनके पिता को टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा की पुत्रवधू ने 13 वर्ष की आयु में मुख्य टाटा परिवार में गोद ले लिया था. 
  7. कंपनी की उपलब्धियां- रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा के टेक ग्रुप ने देश का पहला सुपरऐप टाटा नियु लॉन्च किया. इस कंपनी ने छोटे स्तर से लेकर बहुत बड़े स्तर पर अपना काम फैलाया. दुनिया के हर कोने में सॉफ्टेवयर से लेकर स्पोर्ट्स कार तक में बिजनेस बढ़ाया.
  8. संकट का दौर- टाटा ग्रुप को कई बड़ी चुनौतियों से जूझना भी पड़ा है. सबसे बड़ा चैलेंज 2008 में मुंबई आतंकी हमले के वक्त सामने आया जब कंपनी के फ्लैगशिप होटल मुंबई में ताज महल पैलेस को निशाना बनाया गया. 
  9. एयर इंडिया का अधिग्रहण- रतन टाटा की अंतिम सबसे बड़ी उपलब्धि एयर इंडिया का 2021 में दोबारा अधिग्रहण है. लगभग 90 साल बाद टाटा सन्स ने एयर इंडिया को दोबारा अपने जिम्मे में लिया. उस वक्त इस कंपनी क राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था.
  10. टाटा ट्रस्ट का भविष्य- टाटा ने कभी शादी नहीं की और उनके कोई बच्चे भी नहीं हैं. उनकी मृत्यु से शक्तिशाली टाटा ट्रस्ट्स, जो दान-परोपकार का एक समूह है, के नेतृत्व में एक शून्यता आ गई है. इन परोपकारी ट्रस्टों के पास टाटा संस का लगभग 66 परसेंट हिस्सा है, जो बदले में सभी प्रमुख सूचीबद्ध टाटा फर्मों को नियंत्रित करता है.

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