देश में कुछ ऐसे भी फल पाए जाते हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते. ये फल आम फलों के मुकाबले कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इनमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की कई बीमारियों को दूर करते हैं. ऐसे फलों की सूची में एक नाम है 'रामबुतान ' ये फल आम फलों की तरह बहुत चर्चित नहीं है, लेकिन लीची जैसे दिखने वाले इस फल में औषधीय गुण बहुत सारे होते हैं. इस फल में विटामिन और खनिज पदार्थों का बहुत ही अच्छा स्रोत है. इस फल के बीज से लेकर छिलके, पेड़ की छाल और पत्ते तक शरीर के लिए लाभदायक होते हैं.
दक्षिण-पूर्व एशिया में बहुतायत रूप में पाया जाने वाला रामबुतान एक स्वादिष्ट और गुणकारी फल है जो भारत के दक्षिणी राज्यों जैसे केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में आसानी से पाया जाता है.
रामबुतान फल वैसे तो लीची के आकार यानी अंडाकार जैसा होता है. इसका स्वाद हल्का मीठा और खट्टा होता है. वहीं इस फल के रंग कई प्रकार के होते है, जैसे गुलाबी, लाल, पीला, नारंगी, चमकीला लाल और मैरून. इस फल को कई नामों से भी जाना जाता है, जैसे रामबोटन, रामबाउटन और रामबुस्तान आदि. यह फल अन्य उष्णकटिबंधीय फलों जैसे लीची, लोंगान और मैमोनिलो जैसा होता है. इसके फल की बाहरी परत रेशे और कांटे जैसा होती है.
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रामबुतान खाने के कई सारे फायदे हैं, क्योंकि यह फल कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. यह फल भले ही दिखने में कितना ही छोटा मालूम हो, लेकिन इसमें विटामिन-सी की काफी मात्रा होती है. इसे खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालते हैं. फल के अलावा इसके छिलके में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जबकि इसका बीज डायबिटीज के लिए लाभकारी होता है. वहीं, इसके पत्तों का रस त्वचा को मुलायम बनाए रखने में मदद करता है, जबकि इसके पेड़ की छाल का इस्तेमाल घावों का इलाज करने में किया जाता है.
रामबुतान को पहली नजर में देखकर शायद आप डर भी सकते हैं, क्योंकि उसके फर वाले छिलके यानी कांटे जैसे छिलके को खोलना मुश्किल लगता है. हालांकि, इसे छीलना आसान होता है. इसे छीलने के बाद आप इसे या तो ऐसे ही या फिर सलाद, स्मूदी या डेसर्ट में डालकर भी खा सकते हैं.
रामबुतान की खेती करने के लिए जमीन की पहले अच्छे से जुताई करनी चाहिए. आप इसकी खेती के लिए सीड्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं या किसी नर्सरी से कॉलम या पौधे भी खरीद कर लगा सकते हैं. सीड्स से खेती करने पर रामबुतान को फल देने में करीब सात साल का समय लगता है. वहीं पौधा लगाने पर इससे तीन साल के भीतर ही फल मिलने लगता है. जानकारों की मानें तो आप एक एकड़ भूमि पर अधिकतम 30 पौधे या पेड़ ही लगाए. ऐसा करने से फलों की पैदावार अधिक होती है. इसके अलावा रामबुतान की खेती में कुछ अलग तरह के संसाधनों की या देखरेख की जरूरत नहीं होती है. इसमें आपको बस सालाना खाद और कभी-कभी कीटनाशक दवा की आवश्यकता पड़ती है.
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