Punjab Flood: बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए खास 'गिरदावरी' शुरू, 45 दिनों में मिलेगा मुआवजा

Punjab Flood: बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए खास 'गिरदावरी' शुरू, 45 दिनों में मिलेगा मुआवजा

आप सरकार प्रभावित लोगों को 45 दिनों के भीतर चेक देने के लिए प्रतिबद्ध है. जिन गांवों में पूरी फसल नष्ट हो गई है, वहां तुरंत राहत प्रदान करने के लिए एक महीने में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियान ने कहा कि मकानों और पशुधन के नुकसान के लिए मुआवजा 15 सितंबर से वितरित किया जाएगा और निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा. 

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Punjab Flood: बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए खास 'गिरदावरी' शुरू, 45 दिनों में मिलेगा मुआवजा punjab flood: पंजाब में गिरदावरी प्रक्रिया शुरू

पंजाब के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियान ने शनिवार को कहा कि हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य भर में विशेष 'गिरदावरी' शनिवार से शुरू हो गई है. मुंडियान ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस प्रक्रिया को पारदर्शी, समयबद्ध और जल्‍द नतीजे दे, ऐसे तरीकों से पूरा किया जाए ताकि कोई भी प्रभावित परिवार उचित मुआवजा पाने से वंचित न रहे. एक बयान में, मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण अभियान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के तहत शुरू किया गया है. सीएम मान ने वादा किया है कि पंजाब में हर बाढ़ पीड़ित को 45 दिनों के भीतर मुआवजा मिलेगा. 

ईमानदारी से हो प्रक्रिया 

उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरी प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और जवाबदेही के साथ की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुआवजा प्रभावित लोगों पर कोई एहसान नहीं, बल्कि उनका अधिकार है. मुंडियान ने साफ किया है कि अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही या जानबूझकर की गई देरी के लिए कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि निष्पक्षता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा पूरी प्रक्रिया की रूटीन बेस पर व्यक्तिगत रूप से निगरानी की जाएगी. 

मंत्री ने आगे निर्देश दिया कि गैर-प्रभावित क्षेत्रों के राजस्व अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित गांवों में तैनात किया जाए ताकि आकलन समय पर पूरा हो सके. उन्होंने बताया कि नुकसान का आकलन करने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 2,167 'पटवारियों' (राजस्व अधिकारियों) को तैनात किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि टीमें गांव-गांव जाएंगी, क्षेत्रीय निरीक्षण करेंगी और फसल क्षति, मकानों के नुकसान और पशुओं की मौत पर रिपोर्ट तैयार करेंगी. 

एक हफ्ते में दर्ज कराएं आपत्ति 

मुंडियान ने आगे कहा, 'किसानों और निवासियों को एक हफ्ते के अंदर आपत्तियां (अगर कोई हों) उन्‍हें दर्ज कराने का मौका दिया जाएगा ताकि बिना किसी देरी के सुधार शामिल किए जा सकें.'  मुडियान ने मुख्यमंत्री की उस घोषणा को दोहराया कि पंजाब सरकार ने राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मुआवजा तय किया है. किसानों को फसल के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये मिलेंगे, जिन परिवारों के घर गिर गए हैं उन्हें 1.2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों वाले परिवारों को 40,000 रुपये मिलेंगे.

पशुधन पर कितनी राहत 

इसी तरह, पशुधन के नुकसान की भी स्वीकृत मानदंडों के अनुसार भरपाई की जाएगी. इसमें गाय या भैंस के लिए 37,500 रुपये और बकरी के लिए 4,000 रुपये शामिल हैं. उन्होंने कहा कि नवीनतम बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब भर में कुल प्रभावित फसल क्षेत्र करीब 1,98,525 हेक्टेयर है, जिसमें गुरदासपुर (40,169 हेक्टेयर), पटियाला (17,690 हेक्टेयर), तरनतारन (12,828 हेक्टेयर) और फाजिल्का (25,182 हेक्टेयर) सहित अन्य क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है. 

अब तक बाढ़ में गई कितनों की जान 

मुंडियान की मानें तो पिछले 24 घंटों में मोगा जिले में एक और मौत की सूचना के साथ, बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 56 हो गई है. उन्होंने कहा कि आप सरकार प्रभावित लोगों को 45 दिनों के भीतर चेक देने के लिए प्रतिबद्ध है. जिन गांवों में पूरी फसल नष्ट हो गई है, वहां तुरंत राहत प्रदान करने के लिए एक महीने में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. मंत्री ने कहा कि मकानों और पशुधन के नुकसान के लिए मुआवजा 15 सितंबर से वितरित किया जाएगा और निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा. 

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