भारत में पहले देश की मांग के लिहाज से भरपूर दलहन उत्पादन होता था, लेकिन अब जितना उत्पादन होता है, उससे यहां की जरूरत पूरी नहीं हो पाती. यही वजह है कि भारत को हर साल भारी मात्रा में दालों का आयात करना पड़ता है, जिससे देश का अरबों रुपये खर्च होता है. पहले पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर दलहन की खेती होती थी, लेकिन आज हालात कुछ और हैं. दोनों राज्य सिर्फ धान और गेहूं उत्पादन ही ज्यादा दे रहे हैं. इसकी क्या वजह है, आखिर दलहन में आत्मनिर्भर भारत में दालों की खेती का चलन कैसे कम हुआ. आज हम इसके बारे में विस्तार से जानेंगे...
इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल प्लेटफॉर्म- दी लल्लनटॉप के 'गेस्ट इन द न्यूजरूम' शो में जून 2025 में बतौर गेस्ट शामिल हुए देश के जाने-माने कृषि वैज्ञानिक डॉ. बक्शी राम यादव ने अपने जीवन, खेती-किसानी और कृषि विज्ञान में उन्होंने कैसे कदम रखा, इस सब के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने गन्ना, दाल और गेहूं के विषय में तमाम जरूरी और रोचक जानकारी दी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत में जहां पहले दालों की भरमार थी, वह धीरे-धीरे सिमट क्यों गई.
डॉ. बक्शी राम यादव ने कहा कि भारत में दालों का उत्पादन कम हो रहा है और इनका आयात करना पड़ता है. इनमें अरहर, मूंग, उड़द और चना जैसे दालें शामिल हैं, जो बाहर से भी मंगानी पड़ती हैं. इंटरव्यू में उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने पर उन्होंने दालों की खेती को प्रमोट किया.
चर्चा के बीच उन्होंने बताया कि दलहन की खेती में जंगली जानवरों से फसलों के नुकसान की समस्या विकराल है. खासकर नीलगाय इसमें बड़ी परेशानी खड़ी करती है. हालांकि, यह ज्यादातर फसलों के साथ ऐसा होता है, लेकिन गन्ना और दालों की फसल को नीलगाय का झुंड तबाह करके चला जाता है. उन्होंने कहा कि तिलहन में भी इनसे नुकसान होता है, लेकिन दलहनी फसलें ज्यादा खतरे में रहती हैं.
बातचीत में आगे उन्होंने बताया कि दलहन के रकबे में मुख्य रूप से जो कमी आई वो सिंचाई सुविधा का विकास होने के बाद आई. सिंचाई सुविधा के कारण किसानों को धान और गेहूं उगाने में आसानी हुई और साथ ही इनमें रिटर्न भी ज्यादा था तो किसानों ने दलहन उगाना कम कर दिया और ज्यादातर ने छोड़ ही दिया.
उन्होंने बताया कि हरियाणा, पंजाब के अंदर पहले धान की खेती नहीं होती थी, लेकिन सिंचाई सुविधा का विकास होने पर खेती होने लगी और आज ये टॉप धान उत्पादक राज्य हैं. वहीं, क्योंकि दलहन फसलों की खेती कम पानी में होती है तो जहां पानी की कमी है, देश के उन हिस्सों में आज भी खेती हो रही है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान में दालों का अच्छा उत्पादन होता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बुदेलखंड में भी अरहर, मसूर और चना की खेती होती है.
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