महाराष्ट्र में प्याज के किसान पहले ही गिरती कीमतों की वजह से परेशान थे लेकिन अब भ्रष्टाचार ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है. राज्य के एंटी-करप्शन डिपार्टमेंट ने अब उन शिकायतों पर ध्यान केंद्रित किया है जो प्याज की खरीद में घूसखोरी और दूसरी अनियमितताओं से जुड़ी हुई हैं. विभाग ने इसके साथ ही कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है ताकि खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जा सके. राज्य के मार्केटिंग मंत्री जयकुमार रावल ने विधान परिषद में इस बात को जोर देकर कहा है.
वेबसाइट सकल की एक रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की कई खबरें आ रही हैं जिनमें नैफेड और एनसीसीएफ की तरफ से हो रही प्याज खरीद में बड़ी अनियमितताओं की बातें हैं. पारदर्शिता की कमी के चलते किसानों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वेबसाइट की मानें तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मंत्री प्रह्रलाद जोशी से मुलाकात की है. इस मीटिंग में यह प्रस्ताव दिया गया है कि प्याज की खरीद बाजार समितियों से सीधे तौर पर की जाए.
राज्य में प्याज की कीमतों में गिरावट जारी है और किसान लगातार इस मसले पर अपनी आवाज उठाते आ रहे हैं. पिछले काफी दिनों से किसानों ने सरकारी खरीद में बिचौलियों की भूमिका, वजन में अनियमितताओं, सही कीमत की रसीद न मिलना और पैसे मिलने में देरी की शिकायत करते आ रहे हैं. ऐसे में अब कृषि विभाग और एंटी करप्शन डिपार्टमेंट ने एक रणनीति तैयार की है जिसके तहत एक साझा निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा.
स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीमों को प्याज के बड़े बाजारों में तैनात किया जाएगा ताकि वजन पर सख्ती हो, कीमतें तय की जा सकें और भुगतान की प्रक्रिया पारदर्शी हो सके. इस टीम में एंटी-करप्शन विभाग के अधिकारियों के अलावा कृषि विभाग से इंस्पेक्टर्स होंगे और साथ ही साथ स्थानीय बाजार समिति के प्रतिनिधियों को इसमें शामिल किया जाएगा. इसके अलावा वित्त और कृषि विभाग की तरफ से स्वतंत्र जांच भी जारी है. ऐसे संकेत हैं कि अगले कुछ दिनों में किसानों के हित में कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं जिससे आने वाले समय में उनका शोषण रोका जा सके.
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