त्योहारी सीजन में दालों की कीमतों में बदलाव, आयात और अच्छी खरीफ उपज से बड़ी राहत की उम्मीद 

त्योहारी सीजन में दालों की कीमतों में बदलाव, आयात और अच्छी खरीफ उपज से बड़ी राहत की उम्मीद 

घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए भारत लगभग 15 फीसदी दालों का आयात करता है. भारत का दालों का आयात वित्त वर्ष 2024 में 90 फीसदी बढ़कर 47.3 लाख टन हो गया. जबकि 2022-23 में यह 26.9 लाख टन टन था. अच्छी खरीफ फसल संभावनाओं और आयात में सुधार को देखते हुए दालों की कीमतों में तेज नरमी देखी जा रही है.

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त्योहारी सीजन में दालों की कीमतों में बदलाव, आयात और अच्छी खरीफ उपज से बड़ी राहत की उम्मीद म्यांमार से करीब 4 लाख टन उड़द और 3 लाख टन तुअर का आयात किया गया है.

त्योहारी सीजन में दालों की कीमतों में बदलाव देखा जा रहा है. तूर दाल की थोक कीमतों में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और मसूर दाल में भी नरमी आई है. दालों के तेज आयात और खरीफ सीजन में अच्छी उपज को देखते हुए आने वाले दिनों में दालों की महंगाई से और राहत मिलने की संभावना जताई गई है. जबकि, केंद्र सरकार भी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उपभोक्ताओं को सहकारी समितियों के जरिए सस्ती कीमत पर चना दाल समेत अन्य दालें उपलब्ध करा रही है. 

घरेलू दाल जरूरत को पूरा करने के लिए भारत लगभग 15 फीसदी आयात करता है. भारत का दालों का आयात वित्त वर्ष 2024 में 90 फीसदी बढ़कर 47.3 लाख टन हो गया. जबकि 2022-23 में यह 26.9 लाख टन टन था. अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया और म्यांमार से दालों का आयात कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि घरेलू खरीफ फसल की संभावनाओं और अफ्रीका और म्यांमार से आयात में सुधार की रिपोर्ट के बाद पिछले कुछ हफ्तों में दालों, खासकर अरहर, उड़द और चना की कीमतों में नरमी आई है.

तुअर दाल का दाम 3 फीसदी गिरा 

उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत दूसरी थोक मंडियों में दाल की कीमत में नरमी देखी गई है. लखनऊ मंडी में तुअर दाल का दाम 3 फीसदी लुढ़क गया है. यहां तुअर दाल 15320 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 15000 रुपये पर आ गया है. जबकि, मसूर दाल की कीमतों में भी नरमी दर्ज की गई है. एक्सपर्ट का मानना है कि कीमतों में अभी और नरमी आएगी. 

दाल शिपमेंट आना शुरू 

रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार से करीब 4 लाख टन उड़द और 3 लाख टन तुअर का आयात किया गया है. जबकि, मोजांबिक सहित अफ्रीकी देशों से आयात शुरू हो गया है. मोजांबिक से 30 हजार टन तुअर दाल लेकर दो जहाज बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं. दिसंबर तक ऑस्ट्रेलिया से करीब 10 लाख टन से 15 लाख टन देसी चना या बंगाल चना के आयात की संभावना है, जो चालू फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में चने के घरेलू उत्पादन में कमी को पूरा करेगा. मई में सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक देसी चना पर 66 फीसदी आयात शुल्क समाप्त कर दिया था.

उत्पादन बढ़ने की उम्मीद 

तुअर, उड़द और मूंग जैसी दालों का रकबा पिछले साल की तुलना में 7.28 फीसदी बढ़कर 12.51 मिलियन हेक्टेयर हो गया है, जिससे 2024-25 सीजन में दालों के उत्पादन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इससे दालों की महंगाई में कमी आने की उम्मीद है. अधिकारी ने कहा कि इस सीजन में सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश के कारण रबी या सर्दियों की फसलों के लिए मिट्टी में नमी बढ़ने की उम्मीद है और घरेलू चना उत्पादन में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

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