आपने कई ऐसे फल खाए होंगे जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. पर आज हम आपको पहाड़ में होने वाले एक ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे हैं जो सेब और आम से भी अधिक फायदेमंद होता है. इस फल का नाम है तिमला. तिमला को पहाड़ में स्वाद के साथ ही सेहत का खजाना माना जाता है. उत्तराखंड के पहाड़ों में इस फल को तिमला, तिमिल, तिमल, तिमलु आदि नामों से जाना जाता है. वहीं इस फल को अंजीर भी कहते हैं. यह फल उत्तराखंड के पहाड़ों में काफी मात्रा में पाया जाता है. तिमला एक औषधीय फल है.
सेब और आम की तुलना में तिमला में वसा, प्रोटीन, फाइबर और खनिजों की भरपूर मात्रा होती है. यह सेहत का बेहतर खयाल रखने में मदद करता है. वहीं इसे खाने से कई शारीरिक समस्याओं से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं तिमला फल की खासियत और फायदे.
कच्चे तिमला की सब्जी और अचार बनाया जाता है. यह पहाड़ों में अप्रैल से जून में आसानी से आपको मिल जाएगा. तिमला का पेड़ उत्तराखंड के खास पेड़ों में से एक है. तिमिल जब हल्का लाल और पीला हो जाता है तो इसका स्वाद काफी अच्छा हो जाता है. इसका रायता और सब्जी पहाड़ में लोकप्रिय है. साथ ही यह पाचन क्रिया को भी फिट रखता है और कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. तिमला में 83 फीसदी चीनी होने की वजह से इसे विश्व का सबसे मीठा फल माना जाता है.
तिमले के पेड़ की धार्मिक मान्यताएं भी काफी ज्यादा हैं. पहाड़ों में इस पेड़ को पीपल के पेड़ जितना पवित्र माना जाता है. इसकी पत्तियों को जोड़कर पत्तल बनाई जाती हैं. श्राद्ध के दौरान इन्हीं पत्तल में पितरों को भोग लगाया जाता है. आज भी ब्राह्मण पूजा आदि में इन पत्तों का इस्तेमाल करते हैं. इसकी पत्तियों से लेकर सभी हिस्सा इस्तेमाल में लाया जाता है. इसके साथ ही जैव विविधता को लेकर भी यह एक खास पेड़ है.
ये भी पढ़ें:- Photo Quiz: पत्ते ही नहीं, इसकी जड़ें भी हैं कारगर, कई गंभीर मर्ज का इलाज है ये फल
तिमला एक औषधीय फल है. शोधों के अनुसार इसमे प्रमुखता से पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन, विटामिन ए और बी आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं.
तिमला न केवल पौष्टिक और औषधीय महत्व का फल है, बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों की पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है. तिमला के पत्ते चारे का भी काम करते हैं. पहाड़ों में दुधारू पशुओं को इसके पत्ते खिलाया जाता है. कहा जाता है कि तिमला के पत्तों से दुधारू पशु ज्यादा दूध देते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today