देशभर में पिछले कुछ महीनों से प्याज की कीमतें बढ़ी हुई हैं. इस बीच, एक राहत भरी खबर सामने आई है. राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) के चेयरमैन विशाल सिंह ने प्याज की कीमत 8 नवंबर तक कम होने की संभावना जताई है. राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ के अध्यक्ष ने इंडिया टुडे से कहा कि पहले प्याज की फसल पर मौसम की मार, फिर त्योहारी सीजन के कारण मजदूरों की कमी के बाद अब हालात सामान्य होने के आसार हैं. नासिक, मंडी में लाल प्याज पहुंचना शुरू हो गया है. वहीं, अलवर से प्याज की नई फसल आठ नवंबर तक दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक पहुंच जाएगी, जिस कारण से बाजार में प्याज के दाम घटेंगे.
मंगलवार तक उत्तर भारत की एक और मंडी दिल्ली में प्याज पहुंचना शुरू हो जाएगा. एनसीसीएफ और नैफेड जैसी सहकारी समितियों ने बाजार में हस्तक्षेप करते हुए प्याज का स्टॉक भेजा, ताकि कीमतों को कम किया जा सके और बाजार में इसका असर भी देखने को मिला. हालांकि, खुले बाजार में प्याज अभी भी पचास से साठ रुपये प्रति किलोग्राम के भाव मिल रहा है. एनसीसीएफ की मोबाइल वैन 25 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से प्याज की बिक्री कर रही है. एनसीसीएफ के पास अभी भी 50 से 60,000 मीट्रिक टन स्टॉक उपलब्ध है.
पिछले साल एनसीसीएफ ने 2.90 मीट्रिक टन प्याज खरीदा था. वहीं, इस साल अभी प्याज खरीदी का लक्ष्य तय नहीं किया गया है. समिति के चेयरमैन विशाल सिंह का कहना है कि सरकार जब भी प्याज खरीदी के लिए कहेगी तो वे इसके लिए तैयार हैं. सब्जियों के अलावा दालों की कीमत भी अभी काफी बढ़ी हुई हैं. यही वजह है कि सरकार दालों की कीमतों में कमी लाने के साथ-साथ दालों के आयात पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य बना रही है.
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एनसीसीएफ के चेयरमैन ने कहा, "सहकारी समितियों, एनसीसीएफ ने किसानों के साथ एक रीच आउट कार्यक्रम शुरू किया है और उनका पंजीकरण शुरू किया है. पंजीकरण के बाद, हम एनसीसीएफ के कॉर्पस फंड से स्थिति के आधार पर किसानों से एमएसपी के साथ-साथ बाजार मूल्य पर दालें खरीदेंगे."
सहकारी एजेंसियां न सिर्फ दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए राज्यों को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि में दालों के दाम बढ़ने पर बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए ज्यादा से ज्यादा खरीद कर स्टॉक भी रख रही हैं. अकेले एनसीसीएफ ने 18 लाख किसानों को रजिस्टर किया है, जिससे आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार दालों की खरीद करेगी और बाजार की कीमतों को स्थिर करने में सहायता मिलेगी.
स बीच, केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने भारत आटा और भारत चावल वैन के अगले चरण का उद्घाटन किया. सहकारी समितियों के तहत सरकारी ब्रांड चावल 34 रुपये किलो और गेहूं का आटा 30 रुपये प्रति किलो बेचा जाएगा. उपभोक्ता एवं खाद्य वितरण मंत्रालय ने सहकारी एजेंसियों और मोबाइल वैन के जरिए जुटाई गई सब्सिडी के तहत दालों और चावल की बिक्री शुरू की है.
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