उत्तर प्रदेश के कौशांबी में नकली खाद के ठिकाने पर छापीमारी हुई है. इस छापेमारी के दौरान 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने बताया कि भारी मात्रा में नकली उर्वरक, इसका कच्चा माल और विनिर्माण उपकरण जब्त किए गए है. जिला कृषि अधिकारी (डीएओ) सुरुचि विश्वकर्मा ने जानकारी दी कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने असद उल्लापुर रोही गांव में एक किराए के गोदाम पर छापेमारी की है.
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि टीम में उप जिला कृषि अधिकारी अनुज कुमार, राजस्व अधिकारी और कोखराज पुलिस शामिल थी. छापेमारी के दौरान उन्होंने पाया कि श्रमिक नमक, रसायन और रंग मिलाकर नकली डीएपी और पोटाश उर्वरक तैयार कर रहे थे. विश्वकर्मा ने कहा कि छापेमारी के दौरान टीम ने लगभग तीन क्विंटल नमक, रसायन, रंग, नई डीएपी उर्वरक की बोरियां और 60 से अधिक नकली पोटाश उर्वरक की बोरियां बरामद कीं हैं.
अधिकारी ने बताया कि उर्वरक का उत्पादन भगवान दास केसरवानी और उनके बेटे नितिन केसरवानी सहित अन्य लोग कर रहे थे. डीएओ ने बताया कि मौके से पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया गया है और गोदाम को सील कर दिया गया है. आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए कोखराज थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है.
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में भी कुछ दिन पहले भारी मात्रा में खाद की कालाबाजारी का भंडाफोड़ किया था. हरदोई पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में 350 बोरी कृभको इंपोर्टेड डीएपी खाद पकड़ी गई थी, जिसे अवैध रूप से जिले में लाया गया था. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि पकड़ी गई खाद पर कृभको इंपोर्टेड ब्रांड का टैग है, जिसका हरदोई जिले में कोई आधिकारिक आवंटन नहीं है. इससे यह साफ है कि यह खाद किसी अन्य जिले से अवैध रूप से लाई गई थी. खाद की क्वालिटी भी संदिग्ध पाई गई है, इसलिए इसके नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं.
असली डीएपी की पहचान करने के लिए इसके कुछ दानों को हाथ में लेकर तम्बाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर रगड़ना शुरू करें. हथेली पर मलने के बाद अगर इसमें से तेज गन्ध निकलने लगे और सूंघना मुश्किल हो जाये तो समझें कि ये डीएपी असली है. वहीं असली यूरिया की पहचान करने के लिए इसे थोड़ा सा पानी में डालें. अगर इसके दाने पानी में पूरी तरह से घुल जाएंगे तो ये असली है. साथ ही पानी में घुलने पर इसके घोल को छूएंगे तो ठंडक महसूस होती है.
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