हरियाणा में सरसों की खरीद 26 मार्च से और गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी. खास बात यह है कि रबी सीजन 2024-25 की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस सीजन के लिए सरसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,650 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं के लिए 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. राज्य सरकार ने एक प्रेस बयान में कहा कि एक बार फिर, फसल खरीद का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सात फसल खरीद सीजन के दौरान किसानों के खातों में लगभग 90,000 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. सरसों की सरकारी खरीद हैफेड और एचएसडब्ल्यूसी के माध्यम से की जाएगी. सरसों के लिए कुल 106 मंडियां/खरीद केंद्र स्थापित किये गये हैं. उम्मीद है कि इस बार मंडियों में 14.28 लाख मीट्रिक टन की आवक होगी. हालांकि, 2022-23 में 3.17 लाख मीट्रिक टन और 2023-24 में 6.83 लाख मीट्रिक टन की आवक हुई.
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इसके अतिरिक्त, गेहूं खरीद के लिए 417 मंडियां/क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं. इस बार 112.14 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है. किसानों को गेहूं खरीद के भुगतान में कोई देरी नहीं होगी, क्योंकि 7,300 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है. गेहूं उपार्जन के लिए गठानों की व्यवस्था कर ली गई है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम को गांठें पहले ही भेजी जा चुकी हैं.
फसल की खरीद मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के आधार पर की जाएगी. इस पोर्टल पर 4,74,768 किसानों ने सरसों के लिए 18,06,326 एकड़ जमीन और गेहूं के लिए 7,82,921 किसानों ने 41,64,324 एकड़ जमीन का पंजीकरण कराया है. रबी सीजन 2024-25 के लिए चना और जौ की खरीद भी 1 अप्रैल से शुरू होगी. चने के लिए 11 तथा जौ के लिए 25 मण्डियां क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं. किसानों की सुविधा के लिए, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, पंचकुला के कार्यालय में एक हेल्पलाइन नंबर - 1800-180-2600 - स्थापित किया गया है.
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