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इस गांव में एक नहीं तीन-तीन मुख‍िया, हर सप्ताह प्रत‍ियोग‍ी परीक्षा से दो का होता है चयन

इस गांव में एक नहीं तीन-तीन मुख‍िया, हर सप्ताह प्रत‍ियोग‍ी परीक्षा से दो का होता है चयन

कैमूर जिले के सिसौड़ा पंचायत में मुखिया प्रतिभा खोज परीक्षा के जरिये गांव के बच्चों को मुखिया बनाया जाता है और ये चयनित बच्चे पंचायत के विकास को लेकर अपना सुझाव व नए आईडिया देते हैं.

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सिसौड़ा पंचायत में मुखिया प्रतिभा परीक्षा के जरिये गांव के युवाओं को तीन दिन के लिए बनाया जाता है मुखिया सिसौड़ा पंचायत में मुखिया प्रतिभा परीक्षा के जरिये गांव के युवाओं को तीन दिन के लिए बनाया जाता है मुखिया

 ''मेरे गांव में खेल का एक मैदान होना चाहिए. खेल का मैदान नहीं होने से स्पोर्ट्स व सेना की बहाली में अपनी गांव के युवा अपनी भागीदारी ठीक से नहीं न‍िभा पाते हैं''. 

प्रत‍ियोगी परीक्षा देकर मुख‍िया चयनि‍त हुई 20 वर्षीय रेखा कुमारी ये मांग अपने पंचायत के न‍िर्वाच‍ित मुखिया के सामने रख रही हैं. आप सोच में होंगे कि एक पंचायत में दो-दो मुखिया कैसे हो सकते हैं. साथ ही चयन‍ित मुख‍िया और न‍िर्वाच‍ित मुख‍िया जैसे क‍िसी को भी कन्फ्यूज करने के ल‍िए काफी हैं, लेक‍िन ये सच है. ब‍िहार के कैमूर जिला स्थ‍ित रामगढ़ प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सिसौड़ा पंचायत में एक नहीं, दो नहीं बल्क‍ि तीन मुख‍िया हाेते हैं. इसमें भी व‍िशेष ये है क‍ि न‍िर्वाच‍ित मुख‍िया को छोड़कर प्रत्येक सप्ताह दो मुख‍ियाओं का चयन प्रत‍ियोगी परीक्षा की मेर‍िट के आधार पर होता है. ज‍िसमें प्रत‍ियोगी परीक्षा देने वाले सभी कक्षा 6 से लेकर ग्रेजुएशन तक के विद्यार्थी होते हैं.    

तीन-तीन द‍िन के लि‍ए होता है चयन 

स‍िसोडा पंचायत के मुखिया प्रदीप कुमार सिंह पंचायत के इस नए लोकतांत्र‍िक ढांचे पर काम कर रहे हैं. वे साप्ताहिक प्रतियोगिता परीक्षा के जरिए गांव के ही युवक एवं युवतियों को तीन-तीन दिन के लिए मुखिया बनाते हैं और उनके द्वारा दिए गए सुझाव पर अमल करते हुए कार्य करते हैं. इससे पहले पंचायत का मुखिया चयन‍ित होने वाले युवक और युवत‍ियां गांव में खेल मैदान, लाइब्रेरी, सहित बाहर शौच नहीं करने को लेकर अपनी एक रिपोर्ट गांव के मुखिया दे चुके हैं और उसको लेकर मुखिया के द्वारा कार्य करने की कवायद शुरू की जा चुकी है. 

बता दें कि 2022 के सितंबर महीने से मुखिया प्रतिभा खोज परीक्षा के जरिए अब तक 18 परीक्षा आयोज‍ित हो चुकी हैं. इस दौरान करीब 36 मुखिया का चयन किया जा चुका है. इनमें से करीब 4 से 5 बार एक ही युवक व युवती अलग अलग बार मुखिया बन चुके हैं. 

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ग्रामीण युवाओं के जरिये समाज में बदलाव लाने की है सोच

शिक्षा की मदद से सुंदर एवं शिक्षित समाज की कल्पना करने वाले प्रदीप सिंह 'किसान तक' से बातचीत में बताते हैं कि वे इस काम के जर‍िए देश और समाज को मैसेज देना चाहते हैं. वे कहते हैं कि इस परीक्षा के जरिए चयन‍ित मुख‍िया उस समस्या को भी सामने लेकर आते हैं, जिससे आमतौर पर गांव के छोटे बच्चे या पंचायत की लड़की उनसे नहीं कह पाती है, लेकिन जब उनके बीच का कोई मुखिया बनता है. तो वह उनसे हर बात खुलकर बताती हैं. साथ ही वह खुद भी समस्या या नए विचार लेकर आती हैं, जिसके बारे में हम लोग भी नहीं सोच पाते हैं, लेकिन आज इनकी मदद से कई ऐसे कार्य किए जा रहे हैं, जो कई समय से पंचायत के बुद्धिजीवी लोग केवल कल्पना कर रहे थे.

फोटो 'किसान तक'-मुखिया बनने के लिए परीक्षा देते हुए विद्यार्थी
फोटो 'किसान तक'-मुखिया बनने के लिए परीक्षा देते हुए विद्यार्थी

पंचायत में जिम, लाइब्रेरी एवं खेल मैदान है मुख्य मांग

वर्तमान समय में ग्रेजुएशन की छात्रा रेखा कुमारी और छठवीं कक्षा के विद्यार्थी हिमांशु यादव को गांव का मुखिया चयन‍ित क‍िया गया है. रेखा कुमारी बताती है कि वह खिलाड़ी बनना चाहती हैं, लेकिन गांव में खेल का मैदान नहीं होने से काफी दिक्कत है. सड़क के किनारे दौड़ने के दौरान दुर्घटना  होने का डर लगा रहता है. वे आगे कहती हैं क‍ि वहीं गांव में अगर लकड़ियों के लिए जिम और खेल का मैदान होता तो यहां की लडकियां भी सेना, खेल के क्षेत्र में भाग ले सकती.

वहीं हिमांशु यादव कहते हैं कि उन्होंने अपने तीन द‍िन के कार्यकाल के दौरान पाया कि लोग बहुत तेज गाड़ी चलाते हैं. लोग गाड़ी तेज न चलाएं. इसके लिए उन्होंने पंचायत को सड़कों पर स्पीड ब्रेकर बनाने का सुझाव दिया है.वहीं इन सबके बीच बैठे हर्ष मौर्या अब तीन दिन के लिए मुखिया बनने की तैयारी कर रहें. वे कहते हैं कि आज के समय में सरकार स्मार्ट सिटी बना रही है, लेकिन वह अपने गांव को स्मार्ट विलेज बना चाहते हैं. इसके  लिए वह सबसे पहले  गांव में लाइब्रेरी बनवाना चाहते हैं. 

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फोटो 'किसान तक' : मुखिया प्रदीप कुमार सिंह ने शुरू किया मुखिया प्रतिभा खोज परीक्षा
फोटो 'किसान तक' : मुखिया प्रदीप कुमार सिंह ने शुरू किया मुखिया प्रतिभा खोज परीक्षा

रविवार को होती है मुखिया प्रतिभा खोज परीक्षा

सिसौड़ा पंचायत के मुखिया प्रदीप कुमार सिंह के द्वारा पंचायत कार्यालय में सप्ताह के हर रविवार को मुखिया प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन किया जाता है. इस परीक्षा में पंचायत के अलावा अन्य पंचायत के बच्चे भाग लेते हैं, जो कक्षा से 6 से लेकर ग्रेजुएट तक के विद्यार्थी होते हैं. परीक्षा में 20 सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें हर क्षेत्र से जुड़े प्रश्न होते हैं. इस प्रतियोगिता परीक्षा में अव्वल आने वाले एक बालक व एक बालिका को तीन-तीन दिनों के लिए मुखिया बनाया जाता है और ये पंचायत के विकास से जुड़ी जानकारी देने का काम करते है.