MSP गारंटी को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है. किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं संसद में MSP पर संग्राम हो चुका है. कुल जमा MSP गारंटी कानून का मुद्दा सड़क से लेकर संसद तक गरमाया हुआ है. अब MSP गांरटी कानून पर प्राइवेट बिल लाने की तैयारी है. इसको लेकर बीते 15 दिनों में किसान संगठनों के दाे मोर्चों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है. 6 अगस्त को ही SKM के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की.
इस मुलाकात के बाद SKM के किसान नेताओं ने बताया है कि राहुल गांधी शीतकालीन सत्र में MSP गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल ला सकते हैं. साथ ही SKM के नेताओं ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी को MSP गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल के ड्राफ्ट की एक प्रति दी है, जिसे उन्होंने विचार के लिए कांग्रेस नेता जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल का सौंपा है.
किसान तक के पास MSP गारंटी कानून प्राइवेट बिल के ड्राफ्ट की कॉपी है. आज की बात इसी पर... जानेंगे MSP गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल की कहानी क्या है. साथ ही जानेंगे कि इस प्राइवेट बिल के ड्राफ्ट में एमएसपी पर फसल खरीद ना होने पर क्या नियम है. कितनी सजा और कितने जुर्माने का प्रावधान है.
SKM ने 6 अगस्त को MSP गारंटी प्राइवेट बिल को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है. ये प्राइवेट बिल ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमेटी (AIKSCC) की तरफ से ड्राफ्ट किया हुआ है, जिसे जुलाई 2018 में AIKSCC के सदस्य और महाराष्ट्र की हातकणंगले सीट से तत्कालीन सांसद ने लोकसभा की पटल पर रखा था.
दिलचस्प ये है कि संसद के पटल में रखने से पहले बिल इस ड्राफ्ट को AIKSCC के संयोजक सरदार वीएम सिंह की अगुवाई में कांग्रेस समेत विपक्ष के नेताओं (मौजूदा समय में इंडिया गठबंधन में शामिल राजनीतिक पार्टी) ने अंतिम रूप दिया था. जिसके बाद AIKSCC इसे राष्ट्रपति से भी मंंजूर करा लाया था.
उस वक्त AIKSCC में शामिल अधिकांश नेता ही मौजूदा वक्त में SKM में शामिल हैं. उस वक्त बिल का ये ड्राफ्ट लोकसभा में चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया गया था, लेकिन अगले साल ही 17वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने पर ये बिल निष्प्रभावी हो गया है. जिसे फिर से नए सिरे से संसद के पटल पर रखने की रूपरेखा बनाई जा रही है.
मौजूदा वक्त में 23 फसलों की MSP घोषित है. घोषित MSP पर फसल खरीद ना होने पर किसान MSP गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं. इस संदर्भ में समझते हैं कि प्राइवेट बिल के ड्राफ्ट में MSP पर फसल खरीदी ना होने पर क्या व्यवस्था की गई है. इस बिल के ड्राफ्ट में MSP पर फसल खरीद ना होने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. ड्राफ्ट के अध्याय 6 में अपराध और दंड के तहत इसकी व्यवस्था की गई है.
AIKSCC के प्राइवेट बिल को ही SKM अगले शीतकालीन सत्र में संसद के पटल पर राहुल गांधी से रखवाना चाहता है. माना लिया जाए कि अगर ये बिल पास हो जाता है और देश में MSP गारंटी कानून बन जाता है तो MSP से नीचे फसल की खरीद कानूनी दंडनीय होगी. इसके लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
MSP गारंटी प्राइवेट बिल के ड्राफ्ट में MSP से नीचे फसल खरीदी होने पर तीन स्तर पर सजा-जुर्माने का प्रावधान किया गया है. तो वहीं MSP से नीचे फसल खरीद को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. प्राइवेट बिल के ड्राफ्ट में किए गए प्रावधान के तहत अगर कोई व्यापारी पहली बार MSP से नीचे फसल की खरीदी करता है तो उसे पहली बार अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा. ऐसे व्यापारियों से इस अपराध के लिए किसानों को हुए नुकसान का दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा तो वहीं तीन महीने कारावास का प्रावधान है.
दूसरे स्तर पर दूसरी बार MSP से नीचे फसल खरीदने वाले व्यापारियों को किसानों को हुए नुकसान का दोगुना जुर्माना चुकाना होगा. तो वहीं 6 महीने कारावास की व्यवस्था की गई है.
तीसरे स्तर पर तीसरी बार MSP पर नीचे फसल खरीदने वाले व्यापारियों पर किसानों को हुए नुकसान का तीन गुना जुर्माना लगाने, एक साल की जेल और भविष्य में व्यापार से निषेध करने की व्यवस्था का प्रावधान है. विशेष ये है कि जो जुर्माना व्यापारियों पर लगाने की व्यवस्था की गई है, वह मुआवजे के तौर पर किसानों को मिलेगा.
वहीं इसके साथ ही इस ड्राफ्ट में राज्य सरकार और प्राधिकरण के कर्मियों के लिए भी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत अगर राज्य सरकार और प्राधिकरण के कर्मी अगर MSP गारंटी कानून का पालन ना होने पर व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहते हैं या किसानों काे मुआवजा दिलाने में असफल रहते हैं तो ऐसे कर्मचारियों का एक महीने का वेतन काटा जा सकता है.साथ ही 6 महीने जेल का प्रावधान है.
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