पंजाब के मृदा एवं जल संरक्षण मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि पंजाब में तेजी से घट रहे भूजल संसाधनों को बचाने और फसल उत्पादकता, विशेषकर आलू की खेती में वृद्धि के लिए सूक्ष्म सिंचाई (माइक्रो इरिगेशन) प्रणालियों को बढ़ावा देना समय की मांग है. आलू की खेती में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए मोहाली में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई, जिसमें ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणालियां शामिल हैं, न केवल पानी का उचित उपयोग करती है, बल्कि जड़ों तक सीधे उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रभावी ढंग से उपयोग भी संभव बनाती है.
मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि इन प्रणालियों को अपनाने से किसानों को 50 प्रतिशत तक पानी बचाने में मदद मिलती है, साथ ही प्रति एकड़ उपज और उत्पाद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है. आलू उत्पादन में पंजाब की ताकत पर प्रकाश डालते हुए, गोयल ने कहा कि राज्य देश के उत्तम गुणवत्ता वाले आलू के बीज के रूप में अपने उत्पादन में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान देता है. उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई फसल के आकार में एकरूपता बनाए रखने, ग्रेडिंग लागत को कम करने और उपज की बेहतर बाजार स्वीकृति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
मंत्री ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना के लिए राज्य सरकार 80 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करती है, जबकि महिलाओं, लघु, सीमांत और अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है. कार्यक्रम का कार्यान्वयन पूरी तरह से ऑनलाइन है और किसान घर बैठे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. मंत्री ने आगे बताया कि पंजाब सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से जल संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि पंजाब में नहर सिंचाई कवरेज को पहले ही 21 से बढ़ाकर 64 प्रतिशत कर दिया गया है और बाकी 36 प्रतिशत क्षेत्र को भी जल्द ही नहर सिंचाई के अंतर्गत लाया जाएगा. नहर का पानी न केवल भूजल का एक स्थायी विकल्प है, बल्कि यह आवश्यक खनिजों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ मिट्टी के स्वास्थ्य को भी समृद्ध करता है.
मोहाली में आयोजित इस कार्यशाला में किसानों, विशेषज्ञों, सूक्ष्म सिंचाई उपकरण निर्माताओं और खरीद एजेंसियों ने भाग लिया. इसमें पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, सब्जी उत्कृष्टता केंद्र करतारपुर, पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद तथा कृषि, बागवानी और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया. (सोर्स- PTI)
ये भी पढे़ं-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today