दोपहर के खाने में अगर चावल के साथ दाल न हो तो खाने का मजा अधूरा रह जाता है. सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि पोषण भी अधूरा रह जाता है. पौष्टिकता और स्वाद को ध्यान में रखते हुए हम भोजन में दालों का सेवन जरूर किया जाता है. दालों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, विटामिन बी, मैग्नीशियम, जिंक और पोटेशियम पाए जाते हैं. ऐसे में एक दाल ऐसी भी है जिसे अंडे वाली दाल कहा जाता है. दरअसल मसूर दाल को अंडे वाली दाल कहा जाता है. यह दाल अपने पोष्टिक गुणों के कारण काफी मशहूर है. ऐसे में आइए जानते हैं क्यों कहा जाता है इस दाल को अंडे वाली दाल और क्या है इस दाल की खासियत.
काली मसूर दाल को अंडे वाली दाल इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब हम इस दाल को उबालते हैं तो उबलने के बाद इसका आकार अंडे की तरह ही रहता है और उबलने के बाद वह बहुत नरम और मखमली हो जाता है. ठीक अंडे की तरह. उबालने के बाद यह दाल उबले अंडे की तरह दिखती हैं. साबुत दालों को उबालने के बाद उनका छिलका अंडे की जर्दी जैसा दिखता है. वहीं इसका स्वाद और पोषक गुण भी अंडे के समान होता है. जिस वजह से लोग इसे अंडे की दाल कहते हैं. ऐसे में शाकाहारी लोगों के लिए अंडा एक बेहतर विकल्प है. आप इसे अंडे के शाकाहारी विकल्प के रूप में भी आज़मा सकते हैं.
काली मसूर दाल को पोषण का पावरहाउस भी कहा जाता है. इसमें प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं और यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. काली मसूर पाचन में सहायता करने और निरंतर ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करता है. इसलिए लोग अपने डाइट में दाल जरूर शामिल करते हैं. अंडे वाली दाल न केवल हमारे चेहरे पर मुस्कान लाती है बल्कि हमारे शरीर को पोषण भी देती है, जिससे यह एक फायदेमंद विकल्प बन जाता है.
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