ICA-AP के अध्यक्ष बने रहे डॉ. चंद्रपाल सिंह यादवकृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (KRIBHCO) को यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि उसके वाइस प्रेसिडेंट, डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव, को बिना किसी विरोध के इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस-एशिया पैसिफिक (ICA-AP) का फिर से प्रेसिडेंट चुना गया है. यह चुनाव 27 नवंबर, 2025 को श्रीलंका के कोलंबो में हुई 17वीं ICA-AP रीजनल असेंबली के दौरान हुआ. यह दोबारा चुनाव एक बार फिर एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के सदस्य देशों के बीच उनकी लीडरशिप पर गहरे भरोसे को दिखाता है. उनका दोबारा चुना जाना न केवल KRIBHCO के लिए बल्कि पूरे भारतीय कोऑपरेटिव सेक्टर के लिए गर्व की बात है.
अपने दोबारा चुने जाने पर, डॉ. यादव ने सभी देशों से मिले जबरदस्त सपोर्ट के लिए बहुत शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि एशिया-पैसिफिक कोऑपरेटिव कम्युनिटी ने उन पर जो भरोसा दिखाया है, उससे उन्हें इस इलाके में एकता को और मज़बूत करने की प्रेरणा मिलती है. उनके मुताबिक, यह कामयाबी सिर्फ़ किसी एक की जीत नहीं है, बल्कि किसानों, मज़दूरों, कारीगरों और कोऑपरेटिव मूवमेंट के हर सदस्य की मिली-जुली जीत है. उन्होंने माना कि कोऑपरेटिव की असली ताकत ज़मीनी लेवल पर काम करने वाले लोगों में है, जो मिलकर इस इलाके की सामाजिक और आर्थिक तरक्की को आगे बढ़ाते हैं.
ICA-AP के प्रेसिडेंट के तौर पर डॉ. यादव का दोबारा चुना जाना इंडियन कोऑपरेटिव सेक्टर के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. वहां मौजूद इंडियन कोऑपरेटिव लीडर्स ने इस नतीजे को ग्लोबल कोऑपरेशन में इंडिया की बढ़ती भूमिका का सबूत बताया. उनका मानना है कि इंडियन कोऑपरेटिव्स की पॉलिसी, प्रैक्टिस और लीडरशिप अब इंटरनेशनल लेवल पर एक नई पहचान बना रही हैं. यह दोबारा चुना जाना ग्लोबल लेवल पर इंडिया की क्रेडिबिलिटी और कोऑपरेटिव की बढ़ती क्षमता को भी दिखाता है.
डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव की ज़िंदगी का सफ़र मज़बूत इरादे और लगन की मिसाल है. 19 मार्च, 1959 को उत्तर प्रदेश के जालौन ज़िले में एक आज़ादी के सिपाही और किसान परिवार में जन्मे डॉ. यादव ने हायर एजुकेशन ली, जिसमें M.Sc., B.Ed., LL.B. और Ph.D. शामिल हैं. अपने लंबे पब्लिक जीवन में, उन्होंने कई ज़रूरी पदों पर रहकर देश और कोऑपरेटिव सेक्टर की सेवा की. उन्होंने कृभको और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों के चेयरमैन, नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया (NCUI) के प्रेसिडेंट, ICA-AP के वाइस प्रेसिडेंट (2010-2021), लोकसभा और राज्यसभा के मेंबर, लेजिस्लेटर, और NCCF, NAFED, और जर्मनी के इंटरनेशनल राइफलिंग यूनियन के बोर्ड मेंबर के तौर पर काम किया है. एक आम बैकग्राउंड से इंटरनेशनल लीडरशिप तक का उनका सफ़र उनकी कड़ी मेहनत और लीडरशिप काबिलियत को दिखाता है.
कृभको और ग्लोबल कोऑपरेटिव कम्युनिटी डॉ. यादव को उनके दोबारा चुने जाने पर बधाई देती है. हमें उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में, एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में कोऑपरेटिव आंदोलन और भी मज़बूत, जीवंत और टिकाऊ दिशा में आगे बढ़ेगा. उनका विज़न और अनुभव कोऑपरेटिव को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा.
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