PUSA में हो रहा है एग्रीमंच का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित पूसा में इन दिनों नौंवे EIMA Agrimanch India 2025 का आयोजन हो रहा है. इस दौरान देशभर से किसान इकट्ठा हुए हैं. इन किसानों ने केंद्र सरकार के उन उपायों के बारे में बात की है जिनकी वजह से उनकी खेती बेहतर हुई है और उन्हें मुनाफा हुआ है. किसानों ने इसके लिए बिजली सप्लाई से लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तक का जिक्र किया जिससे पिछले कुछ सालों में उनकी आय बढ़ी है और जिंदगी सुधरी है.
एग्रीमंच में आए किसानों ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली बिजली सप्लाई, एमएसपी में इजाफा और दूसरी सरकारी योजनाओं के तहत समय पर मिलने वाले फायदों ने पिछले 11 वर्षों में उनकी आय को मजबूत किया है. दिल्ली के नरेला के किसान अशोक कुमार खत्री ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लॉन्च की गईं योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लाभ मिल रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि खेती-किसानी से संबंधित भुगतान और पेंशन समय पर उनके खातों में आ जाते हैं.
खत्री ने आगे कहा जीएसटी सुधारों ने किसानों की लागत कम की है. जो सामान पहले एक लाख रुपये में मिलता था, वह अब करीब 90,000 रुपये में उपलब्ध हो रहा है. इससे किसानों और उपभोक्ताओं—दोनों को लाभ मिला है. पूसा कैंपस में चल रहे मेले के बारे में खत्री ने कहा कि यहां किसानों को कई तरह के बीज, फूड प्रॉडक्ट और कृषि उपकरण देखने और समझने का अवसर मिल रहा है. यह सब निश्चित तौर पर खेती-किसानी के तरीकों में सुधार लाने में मदद करने वाला है.
इसी तरह से उत्तर प्रदेश के हापुड़ के किसान कंकशित सिंह ने कहा कि समय पर बिजली आपूर्ति से खेती में साफ तौर पर बदलाव लाया है. उन्होंने बताया कि पहले बार-बार बिजली कटौती होती थी जिससे खेती का समय बिगड़ जाता था. अब बिजली सप्लाई ज्यादा भरोसेमंद है. इसकी वजह से किसान समय पर सिंचाई कर पा रहे हैं और उत्पादकता बढ़ा पा रहे हैं. राजस्थान के चूरू के किसान रुकमन सारण कहते हैं कि सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा हो रही है.
उनका यह भी मानना है कि यह खासकर छोटे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने सरकार को 'किसान-हितैषी' बताया. नरेला के रणबीर खत्री ने भी कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि गेहूं और धान के एमएसपी में कुछ सालों में इजाफा हुआ है और इससे किसानों की इनकम में भी सुधार हुआ है. हापुड़ के एक और किसान राहुल चौहान के अनुसार, एग्रीमंच जैसे बड़े कार्यक्रम का आयोजन होता रहना चाहिए. इससे किसानों में जागरूकता बढ़ रही है और कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी को भी बढ़ावा मिल रहा है.
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