किसानों की उपज की होगी रीयल-टाइम जियोटैगिंग! जानें नैचुरल फार्मिंग मिशन की खास बातें 

किसानों की उपज की होगी रीयल-टाइम जियोटैगिंग! जानें नैचुरल फार्मिंग मिशन की खास बातें 

Natural Farming: यह मिशन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत चलाया जाएगा. खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार इस योजना के लिए 1,584 करोड़ रुपये उपलब्ध करा रही है. जबकि राज्य 897 करोड़ रुपये प्रदान कर रहे हैं. इसे भले ही 23 अगस्‍त को लॉन्‍च किया जाए लेकिन किसानों का रजिस्‍ट्रेशन शुरू हो चुका है. 

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किसानों की उपज की होगी रीयल-टाइम जियोटैगिंग! जानें नैचुरल फार्मिंग मिशन की खास बातें Natural Farming Mission: 23 अगस्‍त को पीएम मोदी करेंगे लॉन्‍च

भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्‍द ही एक मेगा कैंपेन लॉन्‍च करने वाल हैं. पीएम मोदी 23 अगस्‍त को 2,481 करोड़ रुपये की लागत वाले कैंपेन को लॉन्‍च करेंगे. इस कैं‍पेन की शुरुआती चरण में करीब 1 करोड़ किसानों को फायदा होने की खबरें हैं. बताया जा रहा है कि इसका मकसद कृषि को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाना है. कैंपने के तहत 7.50 लाख हेक्टेयर भूमि पर टिकाऊ खेती को प्रोत्‍साहित किया जाएगा. 

राष्‍ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन

इस कैंपने को नेशनल मिशन ऑफ नैचुरल फार्मिंग या राष्‍ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) नाम दिया गया है. इसकी रूपरेखा नीति आयोग की तरफ से तैयार की गई है. यह मिशन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत चलाया जाएगा. खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार इस योजना के लिए 1,584 करोड़ रुपये उपलब्ध करा रही है. जबकि राज्य 897 करोड़ रुपये प्रदान कर रहे हैं. इसे भले ही 23 अगस्‍त को लॉन्‍च किया जाए लेकिन किसानों का रजिस्‍ट्रेशन शुरू हो चुका है. 

किन राज्‍यों के किसानों को होगा फायदा 

रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्रालय अगले दो सालों तक इस योजना को लागू करेगा. उसके बाद, सफलता और बजट के अनुसार इसे आगे बढ़ाया जाएगा. इस अभियान का उद्देश्य किसानों की खेती की लागत और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करना है. शुरुआत में यह मिशन उन जगहों पर चलाया जाएगा जहां पहले से ही प्राकृतिक खेती की जाती है. इसके लिए ग्राम पंचायतों में 15000 क्लस्टर बनाए गए हैं. पहले चरण में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों के किसानों को इसका फायदा मिलेगा. 

किसानों को मिलेगा एक साझा बाजार 

इस अभियान का उद्देश्य वैज्ञानिक तरीके से प्राकृतिक और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है ताकि वो जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना कर सकें. साथ ही अपने परिवार और उपभोक्ताओं के लिए स्वस्थ भोजन उगा सकें. सरकार 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर स्थापित करेगी. यहां से तैयार प्राकृतिक कृषि उर्वरक और बाकी चीजें किसानों तक आसानी से पहुंच सकेंगी. इतना ही नहीं, किसानों के लिए एक सरल और आसान सर्टिफिकेशन सिस्‍टम भी होगा. ब्रांडिंग के लिए किसानों को एक साझा बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिये से उपज की रीयल-टाइम जियोटैगिंग और निगरानी की जाएगी. 

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