KVIC: खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने रचा इतिहास, नौ साल में बिक्री में 332 प्रतिशत का इजाफा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

KVIC: खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने रचा इतिहास, नौ साल में बिक्री में 332 प्रतिशत का इजाफा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

Khadi and Village Industries Commission: खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में बीते नौ साल में 332 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस दौरान इन उत्पादों का कुल कारोबार एक लाख 35 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है.

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KVIC: खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने रचा इतिहास, नौ साल में बिक्री में 332 प्रतिशत का इजाफा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार के मुताबिक बीते नौ साल में खादी देश और दुनिया भर में बड़ा, विश्वस्त और प्रतिष्ठित ब्रांड बन चुका है. वित्तीय वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का सालाना कारोबार 31,154 करोड़ रुपये था. नौ सालों में 2022-23 तक यह बढ़कर 1,34,630 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. ये अब तक की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है. आयोग ने ग्रामीण क्षेत्र में 9,54,899 नये रोजगार का सृजन कर, केवीआईसी ने मील का नया पत्थर स्थापित किया है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2013 से 23 के बीच खादी और ग्रामोद्योग का 26,109 करोड़ रुपए के समान का उत्पादन अब 2023 तक 268 प्रतिशत बढ़कर 95,957 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है.

‘स्वदेशी उत्पादों’ पर बढ़ा देश की जनता का भरोसा

वहीं इन उत्पादों की बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 332 प्रतिशत का स्तर पार कर लिया है. बिक्री का ग्राफ 2013 में 31,154 करोड़ रुपए था जो 2023 में 1 लाख 35 हजार करोड़ तक पहुंच गया है. यह इस बात का प्रमाण है कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी उत्पादों’ पर देश की जनता का भरोसा बढ़ा है.

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खादी के कपड़ों की भारी मांग 

वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811 करोड़ रुपये था वहीं 260 प्रतिशत के उछाल के साथ यह वित्त वर्ष 2022-23 में 2916 करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया है. वहीं, खादी कपड़े की बिक्री ने भी नया इतिहास रचते हुए पिछले 9 वित्त वर्षों में 450 फीसदी वृद्धि दर्ज की है. वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री 1,081 करोड़ रुपये थी. वहीं 2022-23 में ये 450 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5,943 करोड़ रुपये पहुंच गई. कोविड-19 के बाद पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक कपड़ों की मांग बढ़ी है. इसके कारण खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है.

खादी और ग्रामोद्योग बन गया है रोजगार सृजन का नया केंद्र

मनोज कुमार के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर मंच से खादी को प्रमोट करने का भी व्यापक असर खादी के कपड़ों की बिक्री पर पड़ा है. इस वजह से खादी और ग्रामोद्योग रोजगार सृजन का नया केंद्र बन गया है. संचयी रोजगार Cumulative Employment सृजन का नया कीर्तिमान बनाते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का रिकॉर्ड बनाते हुए 2013 -14 के संचयी रोजगार 13,038,444 को 2022-23 तक 36 प्रतिशत वृद्धि के साथ 17,716,288 तक पहुंचा दिया है.

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वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5,62,521 नए रोजगार का सृजन हुआ था, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,54,899 पहुंच गया है. 

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