भारत को दुनिया की डायबिटीज कैपिटल कहा जाता है. दुनिया भर में डायबिटीज के जितने मरीज हैं, उसमें से 17 प्रतिशत से ज्यादा अकेले भारत में हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में अभी करीब 101 मिलियन (10 करोड़) से अधिक लोग डायबिटीज की चपेट में हैं. दरअसल, यूके मेडिकल जर्नल 'लैंसेट' में प्रकाशित ICMR के एक अध्ययन के अनुसार, 2019 में 70 मिलियन लोगों की तुलना में भारत में अब 101 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज के साथ जी रहे हैं. अध्ययन में कहा गया है कि जहां कुछ विकसित राज्यों में संख्या स्थिर हो रही है, वहीं कई अन्य राज्यों में यह खतरनाक दर से बढ़ रही है, जिसके लिए तत्काल राज्य-विशिष्ट हस्तक्षेप की जरूरत है.
वहीं अध्ययन के अनुसार, कम से कम 136 मिलियन लोग, या 15.3% आबादी को प्री-डायबिटीज है. ऐसे में आइए जानते हैं देश के किन राज्यों में डायबिटीज और प्री-डायबिटीज के मरीज कितने हैं, और किन राज्यों में इनका प्रसार तेजी से हो रहा है-
अध्ययन के अनुसार, गोवा (26.4%), पुडुचेरी (26.3%) और केरल (25.5%) में डायबिडटीज का उच्चतम प्रसार देखा गया है. वहीं, राष्ट्रीय औसत 11.4% है. इस अध्ययन में अगले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और अरुणाचल प्रदेश जैसे कम प्रसार वाले राज्यों में डायबिटीज के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर चेतावनी दी गई है.
वहीं, अध्ययन के पहले लेखक और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ रंजीत मोहन अंजना ने कहा कि गोवा, केरल, तमिलनाडु और चंडीगढ़ में डायबिटीज के मामलों की तुलना में प्री-डायबिटीज के मामले कम हैं. पुडुचेरी और दिल्ली में, वे लगभग बराबर हैं और इसलिए हम कह सकते हैं कि बीमारी स्थिर हो रही है. लेकिन, डायबिटीज के कम मामलों वाले राज्यों में, वैज्ञानिकों ने प्री-डायबिटीज वाले लोगों की संख्या अधिक दर्ज की है. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में डायबिटीज का प्रसार 4.8% है, जो देश में सबसे कम है, लेकिन राष्ट्रीय औसत 15.3% की तुलना में 18% प्री-डायबिटिक हैं.
डॉ अंजना ने कहा कि यूपी में डायबिटीज वाले प्रत्येक व्यक्ति के मुकाबले प्री-डायबिटीज वाले लगभग चार लोग हैं. इसका मतलब है कि ये लोग जल्द ही मधुमेह रोगी बन जाएंगे. मध्य प्रदेश में, डायबिटीज के एक तो प्री-डायबिटीज के तीन लोग हैं. वहीं “सिक्किम एक अपवाद की तरह है, जहां डायबिटीज और प्री-डायबिटीज दोनों का प्रसार अधिक है. हमें कारणों का अध्ययन करना चाहिए.”
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प्री-डायबिटीज ऐसी डायबिटीज को कहा जाता है, जो टाइप-2 डायबिटीज से पहले होती है. यानी प्री-डायबिटिक वह व्यक्ति होता है जिसका ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक होता है, लेकिन टाइप-2 डायबिटीज माने जाने के लिए पर्याप्त नहीं होता है. इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति फास्टिंग ब्लड शुगर 100 से 125 mg/dl के बीच है या hba1c टेस्ट 5.7 से 6.4 के बीच है तो वह व्यक्ति प्री-डायबिटीज कैटेगरी में हैं.
अध्ययन के लिए, वैज्ञानिकों ने 18 अक्टूबर, 2008 और 17 दिसंबर, 2020 के बीच ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के 1 लाख से अधिक लोगों की जांच की. 2019 में, सर्वेक्षण से पता चला कि भारत में 74 मिलियन लोग डायबिटिज से पीड़ित थे.
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दो साल के बाद जब सर्वेक्षण में सभी निम्न-प्रचलन वाले पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ा गया और कुछ उच्च-प्रचलन वाले राज्यों को छोड़ दिया गया, तो व्यापकता घटकर 72 मिलियन रह गई. डॉ. मोहन ने कहा कि इस बार हमने 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया. लगातार हो रहा प्रसार अब जमीनी हकीकत को दिखा रहा है.
अगर आप डायबिटिज या प्री-डायबिटीज के मरीज हैं, और इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो नीचे दी गई वीडियो को जरूर देखें. यह वीडियो एक ऐसी महिला पर आधारित है जो डायबिटिज की मरीज थीं, 3 महीने में 5 मोटे अनाज का सेवन कर इन्होंने अपनी डायबिटीज की बीमारी को मात दे दी.
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