आजकल की जीवनशैली में तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलें आती हैं. खराब खानपान, देर से सोना और देर से जागने की आदत, दिन भर एक ही जगह बैठकर घंटों कंप्यूटर के सामने काम करना ये सब आदतें आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं. वहीं डॉक्टरों और कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि इसबगोल की मदद से कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. यही वजह है कि भारत ही नहीं दुनियाभर में इसबगोल की दिन-प्रतिदिन मांग बढ़ती जा रही है. दरअसल, इसबगोल की भूसी की मांग अमेरिका में तेजी से बढ़ती जा रही है. भारत का यह उत्पाद मौजूदा वक्त में अमेरिकियों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. गोलियों, पैकेज्ड सप्लीमेंट, फिटनेस, क्लासेस के आसपास रची गई वेलनेस की दुनिया में भूसे जैसी यह चीज अजीब लग सकती है.
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसबगोल की भूसी अमेरिका में सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद बन गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2018 से 2022 तक अमेरिका में इसबगोल के करीब 250 उत्पाद लॉन्च हुए. उतनी ही तेजी से बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है. ग्लूटेन-फ्री बेकर्स इंका उपयोग ब्रेड और केक में तो कुक सॉस को गाढ़ा बनाने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. पिज्जा और रोल्स में भी इसका उपयोग हो रहा है. ऐसे में इसबगोल की खेती किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है.
इसबगोल एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधीय फसल है. वहीं औषधीय फसलों के निर्यात में इसका प्रथम स्थान है. अगर भारत में इसकी खेती की बात करें तो इसकी खेती प्रमुख रूप से राजस्थान में की जाती है. इसके अलावा, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में भी इसकी खेती होती है.
इसे भी पढ़ें- UP: नेपाल बॉर्डर पर किसान कर रहे देसी जुगाड़ पर लौकी, करेला और नेनुआ की खेती, बताया मोटी कमाई का फंडा
इसबगोल की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी, बलुई मिट्टी जिसमें पानी का निकास अच्छा हो उपयुक्त रहती है. चिकनी हल्की काली व ज्यादा काली मिट्टी जिसमें पानी का निकास अच्छा हो वो भी उपयुक्त रहती है. इसकी बिजाई का उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर माह होता है. मालूम हो कि इसबगोल एक वर्षीय पौधा है. इसके पौधे लगभग 30-50 सेमी. तक ऊंचे होते हैं तथा इनसे 20 से 25 कल्ले निकलते हैं. इसके बीज के ऊपर वाला छिलका जिसे भूसी कहते हैं. इसका औषधीय दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसे इसबगोल की भूसी कहा जाता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today