International Tea day: क्यों मनाया जाता अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है, ये है इसका इतिहास

International Tea day: क्यों मनाया जाता अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है, ये है इसका इतिहास

हर साल पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. यह दिन चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा और काम करने की सही परिस्थितियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए है. ताकि यहां पर काम कर रहे लोगों को उनका हक मिल सके.

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International Tea day: अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाने के पीछे है ये खास वजह International Tea Day

भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में चाय की चुसकी का आनंद उठाया जाता है. भारत में चाय पीने वालों की संख्या और देशों के मुकाबले अधिक है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस क्या है और हम इसे क्यों मनाते हैं यह बिल्कुल अलग है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य श्रमिकों और उत्पादकों पर वैश्विक चाय व्यापार के प्रभाव के लिए सरकारों और नागरिकों का ध्यान इस और आकर्षित करना है ताकि निष्पक्ष तौर पर इसपर कार्रवाई की जा सके. श्रमिकों को सुरक्षित और स्थायी वातावरण देने के लिए इस दिवस की स्थापना की गयी थी.

चाय के बगानों में काम कर रहे श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए इस दिवस को आज भी मनाया जाता है. भारत की अगर बात करें तो यहां चीन के बाद चाय उत्पादन के साथ-साथ चाय की खपत भी सबसे अधिक होती है. यह बात 2007 में भारतीय चाय बोर्ड द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है. भारत में उत्पादित कुल चाय का लगभग 80 प्रतिशत घरेलू आबादी द्वारा इस्तेमाल किया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस से जुड़ी बातें

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को चाय के सदियों पुराने और सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व के बारे में समझाना है. पूरे देश में चाय पी जाती है. लेकिन चीन चाय का सबसे बड़ा निर्यातक है. ऐसा माना जाता है कि चाय की उत्पत्ति चीन में हुई थी. चाय कई तरह की होती है और इसे हर देश में अलग-अलग तरीके से पिया जाता है.

International Tea day का इतिहास

भारत, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, केन््याच, मलावी, मलेशिया, युगांडा और तंजानिया सहित चाय उत्पादक देशों में प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. इन देशों में 2005 से इस विशेष दिन को चिह्नित किया गया है. लेकिन 2019 से इस तारीख को बदलकर 21 मई कर दिया गया है. यह बदलाव कई बातों को ध्यान में रखकर किया गया है. दरअसल, 2005 से दुनिया भर के चाय उत्पादक देश हर साल 15 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं. क्योंकि तब तक इसे संयुक्त  राष्ट्रा से मान्यता नहीं मिली थी.

भारत सरकार की पहल 

भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन से इसे मान्यता देने की पहली पहल की और 2015 में आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस प्रस्तावित किया. जिसे स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 दिसंबर, 2019 को एक संकल्प प्रस्ताव पारित किया और 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया गया. इसके पीछे मुख्य कारण यह था कि अधिकांश चाय उत्पादक देशों में मई के महीने में चाय की कटाई शुरू हो जाती है, इस प्रकार दिसंबर अभी दूर है. इसी को देखते हुए अब पूरी दुनिया में 15 दिसंबर को नहीं बल्कि 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है.

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