भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन, 30-31 अक्टूबर है डेट

भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन, 30-31 अक्टूबर है डेट

पीयूष गोयल ने कहा कि कृषि हमेशा से हमारी सभ्यता की आत्मा रही है और चावल हमारे किसानों का गौरव रहा है. BIRC 2025, भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन, दुनिया का सबसे बड़ा चावल सम्मेलन है.

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भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन, 30-31 अक्टूबर है डेटअंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन

अगर खाने में टेस्ट के साथ खुशबू भी हो तो क्या कहने. देश-विदेश में चावल खाने के एक से बढ़कर एक शौकीन लोग हैं. ऐसे में शौकीन लोगों के लिए इस वर्ष 30-31 अक्टूबर को भारत की राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में BIRC 2025, अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन की जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दी. उन्होंने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन व्यापार-से-व्यापार संबंधों को भी मजबूत करेगा.

दुनिया का सबसे बड़ा चावल सम्मेलन

पीयूष गोयल ने कहा कि कृषि हमेशा से हमारी सभ्यता की आत्मा रही है और चावल हमारे किसानों का गौरव रहा है. BIRC 2025, भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन, दुनिया का सबसे बड़ा चावल सम्मेलन है, जिसमें किसान, वैश्विक खरीदार और हितधारक एक ही छत के नीचे एकत्रित होते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन भारत की चावल विविधता और गुणवत्ता मानकों का प्रतीक होगा और व्यापार-से-व्यापार संबंधों को भी मजबूत करेगा.

कृषि-आधारित निर्यात को दोगुना करेगा सम्मेलन

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इस वादे पर विश्वास रखते हुए कि हमारे किसानों का कल्याण हमारी व्यापार वार्ताओं में सर्वोपरि होगा. हम अपने किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेंगे. वहीं, ये सम्मेलन अगले 5 वर्षों में कृषि और कृषि-आधारित निर्यात को दोगुना करने के हमारे दृष्टिकोण को भी गति देगा.

'किसानों के बेहतर भविष्य के लिए योगदान दें'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तो आइए हम बड़े सपने देखें, भविष्य के लिए साहसपूर्वक योजना बनाएं. आइए हम सबसे बड़े निर्यातक के दर्जे से आगे बढ़कर सबसे विश्वसनीय वैश्विक ब्रांड बनें. आगे बढ़ने का रास्ता मूल्य वर्धित नवीन चावल उत्पादों की पहचान करना और उन्हें बढ़ावा देना है. साथ ही नए बाजारों तक पहुंच बनाना है. आइए हम सब मिलकर 2047 के विकासशील भारत में योगदान दें. आइए हम सब मिलकर अपने किसानों के बेहतर भविष्य के लिए योगदान दें. उन्होंने कहा कि मैं आपकी अपार सफलता की कामना करता हूं.

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