जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन ने किसानों और व्यापारियों की जिंदगी पर गंभीर असर डाला है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि राज्य में लगभग 330 पुल बह गए हैं और 1,500 किलोमीटर से अधिक सड़कें तबाह हो गई हैं. इसके अलावा कई सरकारी इमारतों और बाग-बगीचों को भी नुकसान पहुंचा है. श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने विशेष रूप से किश्तवाड़ और कटरा यात्राओं के दौरान हुई तबाही पर बात की. उन्होंने कहा कि इस आपदा में फसलों और सूखे मेवों का भी भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार तबाही के बाद पुनर्निर्माण के लिए केंद्र से पर्याप्त सहायता की उम्मीद करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा, "इसे देखते हुए, हमें उम्मीद है कि हमारे नुकसान का आकलन किया जाएगा और एक उचित पैकेज की घोषणा की जाएगी, ताकि हम हुए नुकसान की भरपाई कर सकें. मैं ये सभी बातें प्रधानमंत्री के सामने रखूँगा और उम्मीद करता हूं कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक अच्छा पैकेज देंगे."
वहीं, इससे पहले भाजपा नेता रविंदर रैना ने बुधवार को पुलवामा के फल बाजार का दौरा किया और बताया कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण लगभग पांच लाख सेब के बक्से बाजार में पड़े हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-सरीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बंद होने के कारण किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पादों को समय पर बाजार तक पहुंचाने में कठिनाई हुई है. रैना ने प्रशासन से अपील की कि नुकसान का तुरंत आकलन किया जाए और प्रभावित व्यापारियों और किसानों को मुआवजा दिया जाए.
उन्होंने विशेष रूप से किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन माफी की मांग की. रैना ने कहा कि किसानों ने अपनी खेती और उत्पादन के लिए KCC लोन लिया था और अब उन्हें राहत देने के लिए यह लोन माफ किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को स्थिर करने और उनकी उम्मीदों को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है.
राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण सेब के बाग-बगीचों को भी भारी नुकसान हुआ है. कई किसान अपनी पूरी फसल को खो चुके हैं और इससे उनका आजीविका संकट में है. रैना ने प्रशासन से आग्रह किया कि प्रभावित व्यापारियों के लिए एक विशेष मुआवजा रिपोर्ट तैयार की जाए और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में किसानों और व्यापारियों के साथ खड़ा होना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करके केंद्र सरकार से व्यापक राहत पैकेज की मांग की जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपदा प्रभावित क्षेत्र के आगामी दौरे पर राज्य के लोगों को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे.
इस महीने भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने फसलों को तबाह कर दिया है, बागों को नुकसान पहुंचाया है और व्यापारियों को बिना बिके ही उपज के साथ फंसा दिया है. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के कई दिनों तक बंद रहने से समस्या और बढ़ गई है, जिससे जल्दी खराब होने वाले सामानों की ढुलाई में देरी हो रही है. व्यापारियों ने आशंका जताई है कि लगातार व्यवधान से पूरा सेब सीजन प्रभावित हो सकता है, जिससे और नुकसान हो सकता है. (एएनआई)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today