बिहार की शान में चार चांद लगा देते हैं ये कृषि उत्पाद, जिनके नाम से मशहूर है जिला

बिहार की शान में चार चांद लगा देते हैं ये कृषि उत्पाद, जिनके नाम से मशहूर है जिला

किसी विशेष हस्ती के पैदा होने के बाद उनके नाम से उनके शहर को सदियों तक याद किया जाता है. लेकिन अगर शख्सियत की बजाय कहीं कोई खास उत्पाद पैदा होता है तो दुनिया उस स्थान का ना सिर्फ नाम जानती बल्कि सम्मान लुटाती है. इस खबर में कुछ ऐसे कृषि उत्पाद के बारे में बताते हैं जो बिहार को जमाने में मशहूर करते हैं.

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बिहार की शान में चार चांद लगा देते हैं ये कृषि उत्पाद, जिनके नाम से मशहूर है जिलाबिहार के प्रसिद्ध कृषि उत्पाद

प्रसिद्ध लेखक मासूम ग़ाज़ियाबादी ने लिखा था

तुम्हारी शख़्सियत से ये सबक लेगी नई नस्लें

वही मंज़िल पे पहुँचा है जो अपने पाँव चलता है

डुबा देता है कोई नाम तक भी खानदानों के

किसी के नाम से मशहूर होकर गाँव चलता है

किसी भी स्थान की पहचान वहां रहने वाले महान लोगों के अलावा वहां के ऐतिहासिक किस्सों से जुड़ी होती है. किसी स्थान को विशेष बनाने के लिए वहां कोई अनोखी घटना या कोई खास प्रोडक्ट का होना जरूरी है. इस खबर में आपको बिहार में मिलने वाले कुछ खास कृषि उत्पादों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से बिहार के कुछ जिले भारत ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी जाने जाते हैं.   

इन चीजों की है विशेष पहचान 

आइए अब जान लेते हैं कि बिहार के कौन से प्रोडक्ट्स राज्य को विशेष बनाते हैं. वैसे तो बिहार कला, साहित्य और अपनी परंपराओं के लिए विश्व विख्यात है, लेकिन इस खबर में कृषि उत्पादों का जिक्र किया गया है जो विश्व पटल पर बिहार को खास पहचान दिलाता है.

मखाना 

दरभंगा को मिथिलांचल की राजधानी कहें तो गलत नहीं होगा. ये जिला हमेशा से ही वीरता और साहस का पर्याय रहा है. वर्तमान में दरभंगा का मखाना अपने स्वाद को ग्लोबल लेवल पर बिखेर रहा है. आपको बता दें कि दुनिया भर में सबसे अधिक मखाना बिहार के मिथिलांचल में होता है, इसमें दरभंगा खास है.

शाही लीची

लीची तो आप सबने जरूर देखा होगा, कभी ना कभी खाया भी जरूर होगा. अब आपको बता दें कि मुजफ्फपुर की लीची देश-विदेश में खूब पसंद की जाती है. ये अन्य लीची से अधिक सुगंधित और स्वादिष्ट होती है इसका आकार भी बड़ा होता है जिसके कारण इसे शाही लीची कहा जाता है. मुजफ्फपुर की लीची को GI टैग मिला है.

चिनिया केला 

बिहार का एक खास जिला है हाजीपुर. यहां खास केला उगाया जाता है जिसे चिनिया केला कहा जाता है. यह केला मीठा, रसदार और गूदेदार होता है. चिनिया केला की सबसे खास बात ये है कि जल्दी खराब नहीं होते और लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है. आपको बता दें कि चिनिया केले को भी जीआई टैग मिला है. 

कतरनी चावल 

भारत में बड़े पैमाने में धान की खेती की जाती है. वहीं धान के किस्मों की बात करें तो पश्चिम बंगाल इसमें खास है. लेकिन बिहार के भागलपुर में उगाया जाने वाला कतरनी चावल विश्व प्रसिद्ध है. एक अनोखा स्वाद, सुगंध और छोटे दाने वाला चावल है. हालांकि भागलपुर की पहचान कतरनी चावल विलुप्त होने की कगार पर है. 

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