Ghee Intake: करोड़ों भारतीयों का दूध- घी प्रेम अगले 10 साल में छुएगा आसमान! रिपोर्ट का दावा 

Ghee Intake: करोड़ों भारतीयों का दूध- घी प्रेम अगले 10 साल में छुएगा आसमान! रिपोर्ट का दावा 

Ghee Intake: ओईसीडी-एफएओ कृषि आउटलुक 2025-2034, टाइटल से आई इस रिपोर्ट में भारत में खपत 2024 में 3.27 किलोग्राम प्रति व्यक्ति से बढ़कर 2034 में 4.09 किलोग्राम प्रति व्यक्ति तक पहुंचने का अनुमान है जो 25.07 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है. दिलचस्प बात यह है कि 2014 में खपत का स्तर 2.68 किलोग्राम प्रति किलोग्राम था. 

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Ghee Intake: करोड़ों भारतीयों का दूध- घी प्रेम अगले 10 साल में छुएगा आसमान! रिपोर्ट का दावा Ghee intake: भारतीयों का घी प्रेम अभी और बढ़ेगा

दाल में घी, रोटी में घी और तो और अब तो सुबह-सुबह कॉफी में भी घी...भारत के हर घर में घी बचपन से ही आसानी से मिलने वाली चीज है. अब एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले एक दशक  के अंदर घी खाने की आदत में और भी इजाफा होने का अनुमान है. संयुक्त राष्‍ट्र के आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की तरफ से हुई एक स्‍टडी पर अगर यकीन करें तो भारतीयों की अपने भोजन में घी को प्रयॉरिटी देने की आदत में अगले दशक में भी इजाफा होने की संभावना है. 

लगातार बढ़ रही है खपत 

ओईसीडी-एफएओ कृषि आउटलुक 2025-2034, टाइटल से आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मक्खन की प्रति व्यक्ति खपत, विशेष तौर पर ‘घी’ के रूप में, भारत और पाकिस्तान में पहले से ही उच्च स्तर से लगातार बढ़ रही है. रिपोर्ट में दूध से मिले मक्खन और बाकी फैट और तेलों की खपत के बारे में जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि भारत में खपत 2024 में 3.27 किलोग्राम प्रति व्यक्ति से बढ़कर 2034 में 4.09 किलोग्राम प्रति व्यक्ति तक पहुंचने का अनुमान है जो 25.07 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है. दिलचस्प बात यह है कि 2014 में खपत का स्तर 2.68 किलोग्राम प्रति किलोग्राम था. 

विदेशी खाते मक्‍खन 

इस रिपोर्ट में कहा गया है, 'उभरते बाजारों में चीज की ज्‍यादा खपत, पिज्जा और बर्गर से जुड़ी हुई है. नॉर्थ अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया में बदलती प्राथमिकताओं के कारण मक्खन की खपत में सुधार हुआ है. इसके अलावा, मक्खन की प्रति व्यक्ति खपत, विशेष तौर पर घी के रूप में, भारत और पाकिस्तान में पहले से ही उच्च स्तर से बढ़ रही है. हालांकि प्रोसेस्‍ड डेयरी उत्पादों की खपत कम बनी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान में मांग में मजबूत वृद्धि के कारण अगले दशक में ग्‍लोबल खपत में ताजा डेयरी उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है जो आय, शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि से प्रेरित है. 

विश्व बनाम भारत, क्‍या हैं आंकड़ें 

दूध के ठोस पदार्थों में प्रोसेड और ताजा डेयरी उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत पर अगर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता कि भारत, ताजा डेयरी उत्पादों की खपत में ग्‍लोबल एवरेज से कहीं आगे है. जहां 2022-24 में ताजा डेयरी उत्पादों का वैश्विक औसत 9.39 किलोग्राम प्रति व्यक्ति था, वहीं भारत का स्थान 19.29 किलोग्राम प्रति व्यक्ति था. रिपोर्ट की मानें तो अनुसार, 2034 तक दुनिया भर में ताजा डेयरी उत्पादों की खपत प्रति व्यक्ति 11.07 किलोग्राम तक पहुंच जाएगी. इसमें अनुमान लगाया गया है कि तब तक भारत में खपत प्रति व्यक्ति 26.38 किलोग्राम हो जाएगी. 

क्‍या रहेगा दूध का हाल 

'ओईसीडी-एफएओ कृषि आउटलुक 2025-2034' में कहा गया है कि 2024 में विश्व दूध उत्पादन 1.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग 950 मीट्रिक टन हो जाएगा. भारत और पाकिस्तान में, इस अवधि के दौरान उत्पादन 3 प्रतिशत बढ़कर क्रमशः 227 मीट्रिक टन और 66 मीट्रिक टन हो गया. अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर उत्पादन में लगातार इजाफा होने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण प्रति पशु अधिक उत्पादन है. 

विश्व दूध उत्पादन (81 प्रतिशत गाय का दूध, 15 प्रतिशत बू एलो दूध और बकरी, भेड़ और ऊंट के दूध का संयुक्त रूप से 4 प्रतिशत) अगले दशक में प्रति वर्ष 1.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो प्रति पशु बढ़ती उपज के कारण है, जबकि गायों की संख्या में वृद्धि मध्यम रहने की उम्मीद है. आउटलुक के अनुसार, भारत का दूध उत्पादन 2034 तक 330.88 मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद है.

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