भारत और अमेरिका के बीच बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर बातचीत तेज़ है. अब तक पांच दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है. छठे दौर की बातचीत के लिए 25 अगस्त को अमेरिकी प्रतिनिधमंडल को भारत आमंत्रित किया गया था, लेकिन अमेरिकी टीम की ओर से यात्रा स्थगित कर दी गई है. इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सामानों के व्यापार को उदार बनाने पर चर्चा हो रही है, जिसमें गैर-संवेदनशील कृषि उत्पाद भी शामिल हैं. सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया में किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हितों को ऊपर रखा जा रहा है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को संसद में बताया कि सरकार किसानों, कृषि विशेषज्ञों और सभी संबंधित हितधारकों से राय लेकर आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि भारत किसी भी हाल में राष्ट्रीय हितों और कृषि क्षेत्र की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा.
जितिन प्रसाद ने बताया कि अमेरिका ने हाल ही में भारतीय निर्यात पर अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं. इनमें 7 अगस्त से 25 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क और 27 अगस्त 2025 से अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क शामिल है. अनुमान है कि वर्ष 2024 के आंकड़ों के आधार पर करीब 48.2 अरब डॉलर का भारतीय निर्यात इसके अधीन होगा.
अमेरिका ने 5 अप्रैल 2025 से लगभग सभी आयात पर 10 प्रतिशत का बेसलाइन शुल्क लगाया है. साथ ही, 9 अप्रैल से भारत पर 26 प्रतिशत का विशेष शुल्क लगाने की घोषणा की थी, हालांकि इसे 1 अगस्त तक टाल दिया गया था. प्रसाद ने कहा कि सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी ताकि किसानों, उद्योगों, MSMEs और निर्यातकों पर कम से कम असर पड़े.
मंत्री ने बताया कि अमेरिका ने जनवरी से जुलाई 2025 के बीच मेलामाइन, हेक्सामाइन, एपॉक्सी रेज़िन, सिरेमिक टाइल, हार्ड एम्प्टी कैप्सूल, टॉर्शन स्प्रिंग्स और हाई क्रोम ग्राइंडिंग मीडिया जैसे उत्पादों पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD) लगा दी है. सरकार का कहना है कि वह स्थिति पर नज़र रखे हुए है और प्रभावित उद्योगों को राहत देने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी. सरकार ने साफ किया है कि व्यापार पर असर कम करने के लिए निर्यात प्रोत्साहन, बाजार विविधीकरण और व्यापार संरक्षण उपाय अपनाए जाएंगे. इसके लिए निर्यातकों और उद्योग से फीडबैक लिया जा रहा है.
प्रसाद ने एक अलग जवाब में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) लागू है और यह अमेरिकी घरेलू कानूनों से प्रभावित नहीं होगा. अमेरिका ने अभी तक ग्लोबल मिनिमम टैक्स लागू नहीं किया है. ऐसे में भारतीय कंपनियों पर कोई अतिरिक्त टैक्स बोझ नहीं बढ़ेगा.
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि सरकार किसानों, श्रमिकों, निर्यातकों, MSMEs और सभी उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि “भारत अपने राष्ट्रीय हितों और कृषि क्षेत्र की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा. हम हरसंभव कदम उठाकर व्यापारिक प्रभाव को कम करेंगे और भारतीय उद्योग को सुरक्षित रखेंगे.” (पीटीआई)
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