भारत ने यूरोपीय संघ को बताया है कि पाकिस्तान भारतीय बासमती किस्मों को "अवैध रूप से उगा रहा है" और इस संबंध में यूरोपीय लैब में किए गए डीएनए टेस्ट के सबूत दिए हैं. पहचान न बताने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "हमने पाकिस्तान में उगाई जाने वाली बासमती किस्मों के डीएनए का यूरोपीय लैब में टेस्ट कराया था. इसके रिजल्ट से पता चला है कि वे पाकिस्तान में अवैध रूप से उगाई जाने वाली भारतीय किस्में हैं."
ये टेस्ट कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने कराए हैं. ये टेस्ट इसलिए कराए गए क्योंकि पाकिस्तान ने अपने बासमती चावल के लिए पीजीआई टैग देने का आवेदन दिया था जिसका भारत में विरोध किया था और सबूत के तौर पर बासमती की टेस्टिंग कराई गई थी.
एक अधिकारी ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, "हमने पाकिस्तान के पीजीआई टैग आवेदन का विरोध किया है. हमने यूरोपीय लैब में किए गए डीएनए टेस्ट के रिजल्ट उपलब्ध कराए हैं." इसके अलावा, एपीडा ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वीडियो भी पेश किए हैं, जिसमें पाकिस्तान के किसानों और व्यापारियों ने खुलकर कहा है कि वे भारत की 1121 और 1509 पूसा बासमती किस्मों की खेती कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: बासमती चावल बेचने वाली अरोमा एग्रोटेक करेगी अपना विस्तार, गेहूं उत्पाद, कंबल और सोलर सेल बनाएगी कंपनी
अधिकारी ने कहा, "हमने पाकिस्तान के आवेदन के विरोध में वीडियो अटैच किए हैं." भारत ने अपने बासमती उगाने वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रों जैसे कि मिरुपुर, भीमबर, पुंछ और बाग को शामिल करने पर भी आपत्ति जताई है. अधिकारी ने कहा, "हमने यूरोपीय संघ को बताया है कि पीजीआई टैग के लिए पाकिस्तान का दावा भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाता है क्योंकि इसमें हमारे क्षेत्र शामिल हैं."
'बिजनेसलाइन' ने 25 फरवरी, 2024 को अपनी रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान के जीआई टैग के आवेदन में कई गड़बड़ थी, जो भारत के बासमती चावल के लिए जीआई टैग के आवेदन से अलग थीं. भारत ने जुलाई 2018 में भारतीय बासमती किस्मों के लिए जीआई टैग मांगा था, जबकि पाकिस्तान ने 23 फरवरी, 2024 को इस तरह के दर्जे के लिए आवेदन किया था.
पाकिस्तान को बासमती जीआई टैग के लिए अपने आवेदन को लेकर पहले ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यूरोपीय संघ ने इस तरह की मान्यता के लिए इटली के विरोध को मंजूर कर लिया है. इसके अलावा, यूरोपीय संघ और भारत एक-दूसरे के प्रोडक्ट के लिए जीआई टैग देने के लिए द्विपक्षीय वार्ता में लगे हुए हैं.
ये भी पढ़ें: सिर्फ बासमती ही नहीं, रटौल आम के GI Tag पर भी मुंह की खा चुका है पाकिस्तान
अधिकारियों ने बताया कि यूरोपीय संघ भारत और पाकिस्तान से संयुक्त रूप से जीआई टैग के लिए आवेदन करने के लिए अपील कर रहा है. हालांकि, भारत ने इसे ठुकरा दिया है क्योंकि इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी क्योंकि भारतीय उत्पादक क्षेत्रों, खासकर जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान के उत्पादक क्षेत्रों के साथ दिखाया जा रहा है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today